पीएम मोदी ने आज राष्ट्र को दी डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन, जानें इसके बारे में सबकुछ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के 306 किलोमीटर लंबे रेवाड़ी- मदार गलियारे का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन से चलने वाली 1.5 किलोमीटर लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। इससे रेलवे को माल ढुलाई में काफी फायदा मिलेगा और एक बार में ज्यादा सामान को एक स्‍थान से दूसरे स्थान पर आसानी से भेजा जा सकेगा। जानें क्या है इस ट्रेन की खासियत और इसके चलने से क्या फायदे होंगे:

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का  रेवाड़ी- मदार खंड हरियाणा (महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों में लगभग 79 किलोमीटर) और राजस्थान (जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर और अलवर जिलों मेंलगभग 227 किलोमीटर) में स्थित है। इसमें 9 नए बने डीएफसी स्टेशन शामिल हैं, जिनमें से छह- न्यू डबला, न्यू भगेगा, न्यू श्री माधोपुर, न्यू पचार मलिकपुर, न्यू सकून और न्यू किशनगढ़-क्रॉसिंग स्टेशन हैं। जबकि बाकी तीन- रेवाड़ी, न्यू अटेली और न्यू फुलेरा- जंक्शन स्टेशन हैं।

इस नए मालवहन गलियारे के शुरू होने से राजस्थान और हरियाणा के रेवाड़ी- मानेसर, नारनौल, फुलेरा और किशनगढ़ इलाके में स्थित विभिन्न उद्योगों को फायदा होगा और इससे काठुवास में मौजूद कॉनकोर के कंटेनर डिपो का भी बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। यह खंड गुजरात में कांडला, पिपावाव, मुंधरा और दाहेज के पश्चिमी बंदरगाहों के साथ बिना किसी बाधा के संपर्क सुनिश्चित करेगा।

इस खंड से डब्ल्यूडीएफसी और ईडीएफसी के बीच निर्बाध संपर्क संभव हो जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री द्वारा 29 दिसंबर 2020 को ईडीएफसी के 351 किलोमीटर लंबे   न्‍यू भाऊपुर-न्‍यू खुर्जा खंड को देश को समर्पित किया गया था।

डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन के परिचालन में 25 टन का बढ़ा हुआ एक्सल लोड होगा। इसे डीएफसीसीआईएल के लिए आरडीएसओ के वैगन विभाग ने डिजाइन किया है।

यह डिजाइन क्षमता उपयोग और एक समान वितरिन और पॉइंट लोडिंग को अधिकतम स्तर पर ले जाएगा। कंटेनर इकाइयों के लिहाज से डब्ल्यूडीएफसी पर एक लॉन्ग हॉल डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन में जुड़े ये वैगन भारतीय रेलवे की मौजूदा क्षमता की तुलना में चार गुना ज्यादा कंटेनर यूनिट को ढो सकते हैं।

डीएफसीसीआईएल भारतीय रेलवे की पटरियों पर 75 किलोमीटर प्रति घंटे की मौजूदा अधिकतम गति के मुकाबले 100 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से मालगाड़ियां चलाएगा।

वहीं भारतीय रेलवे की लाइनों पर मालगाड़ियों की 26 किलोमीटर प्रति घंटे की मौजूदा औसत गति को बढ़ाकर डीएफसी पर 70 किलोमीटर प्रति घंटा भी किया जाएगा।

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