पेट्रोल पंप पर जीरो देखने से भी ज्यादा जरूरी है एक चीज, इस पर नहीं डाली नजर, तो लग जाएगी वाट!

आप अपनी कार या बाइक में आए दिन पेट्रोल-डीजल की फ्यूलिंग के समय हमेशा पंप मशीन की डिस्प्ले पर जीरो देखना नहीं भूलते हैं. यह जरूरी भी है कि ईंधन डलवाते समय इसे देखा जाए. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है इस मशीन पर कुछ और डिस्प्ले भी होती हैं लेकिन हमारा ध्यान हमेशा जीरो, मात्रा और कीमत पर जाता है. पंप चालक ने बटन दबाकर लिख दिया 100 रुपये का पेट्रोल और आप फ्यूलिंग के बाद पैसे देकर रवाना हो जाते हैं. यह तसल्ली लेकर की पूरे 100 रुपये का ईंधन टंकी में चला गया.
लेकिन आपने कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि गाड़ी के टैंक में जाने वाला पेट्रोल कितना बेहतर है. हम आपको पेट्रोल-डीजल की शुद्धता से जुड़ी अहम जानकारी देना चाहते हैं. ताकि कीमत और मात्रा के साथ-साथ आपको शुद्ध ईंधन भी मिले. यह आपके वाहन की बेहतर लाइफ के लिए जरूरी है.

कैसे चेक करें पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी?


दरअसल पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी उसकी शुद्धता से संबंधित है, जिन्हें आप आसानी से जान सकते हैं. सरकार ने फ्यूल डेंसिटी के स्टैंडर्ड तय किए हैं, जिनकी मदद से आप जान सकते हैं कि आपको मिल रहा पेट्रोल-डीजल कितना शुद्ध है. क्योंकि अक्सर ईंधन में मिलावट की शिकायतें सामने आती रहती हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर फ्यूल डेंसिटी की जांच कैसे करें. इसे चेक करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि यह जानकारी पेट्रोल भरने वाली मशीन के डिस्प्ले पर होती है. पेट्रोल की रसीद पर भी डेंसिटी लिखी होती है. अगर आप इससे संतुष्ट नहीं होते हैं तो पंप पर उपलब्ध डेंसिटी जार से इसकी जांच करवा सकते हैं.

ईंधन से जुड़ी डेंसिटी के मानक


हर पदार्थ का एक निश्चित घनत्व होता है और ईंधन के साथ भी ऐसा ही है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी के मानक तय कर रखे हैं. पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति घन मीटर है. वहीं, डीजल की शुद्धता का घनत्व 830 से 900 किग्रा/एम3 के बीच बताया होता है. हालांकि, इसकी रेंज फिक्स नहीं होती है और तापमान में बदलाव इसका कारण होता है. लेकिन अगर तय सीमा से कम डेंसिटी का पेट्रोल मिलता है तो आपकी इसकी शिकायत कर सकते हैं. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अनुसार प्रत्येक उपभोक्ता को पेट्रोल की शुद्धता मापने का अधिकार है।

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