बदलाव: बीजेपी-संघ के बीच समन्वय की जिम्मेदारी अरूण कुमार को

रणघोष अपडेट. देशभर से

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने एक बड़ा बदलाव किया है। संघ के सह सर कार्यवाह अरूण कुमार को बीजेपी के लिए नया संपर्क अधिकारी बनाया गया है। इससे पहले इस काम को कृष्ण गोपाल देख रहे थे। इस पद नियुक्त शख़्स का काम बीजेपी और संघ के बीच राजनीतिक मुद्दों पर समन्वय बनाने और संवाद करने का है। संघ की ओर से कहा गया है कि यह बदलाव नियमित प्रक्रिया के तहत किया गया है। कृष्ण गोपाल इस पद पर 2015 से काम कर रहे थे और उनसे पहले सुरेश सोनी इस दायित्व को निभा रहे थे। बदलाव का यह फ़ैसला चित्रकूट में 9 से 11 जुलाई तक हुई संघ की दो दिन की बैठक में लिया गया है। इस बैठक में संघ के पूर्णकालिक प्रचारक भाग ले रहे हैं।

कौन हैं अरूण कुमार?

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने में अरूण कुमार की बड़ी भूमिका रही है। मसलन कि अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने से क्या हो सकता है, इसके क्या परिणाम हो सकते हैं। इससे पहले वह संघ की ओर से जम्मू कश्मीर के प्रभारी भी रह चुके हैं। अरूण कुमार को इस साल मार्च में सह सरकार्यवाह बनाया गया था। इससे पहले उन्हें अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख की जिम्मेदारी भी दी गई थी। अरूण कुमार को बीजेपी और संघ के बीच संपर्क अधिकारी बनाए जाने का मतलब है कि कुमार का क़द बढ़ रहा है। इसके अलावा चित्रकूट की बैठक में जो अहम बातें हुई हैं उनमें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ज़मीन ख़रीदने के मामले में हुए विवाद में राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से रिपोर्ट मांगी गई है। चंपत राय ने संघ से कहा है कि उन्होंने कोई ग़लत काम नहीं किया है और अपना सारा जीवन सेवा में लगाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह संघ की ओर से लिए जाने वाले किसी भी फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। बताया गया है कि चंपत राय को महासचिव पद से नहीं हटाया जाएगा लेकिन संघ उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा ज़मीन ख़रीद पर फिलहाल रोक लगा दी गई है और संघ के बड़े नेता भैया जी जोशी राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के केयरटेकर बनाए गए हैं।

2022 से तय होगी दिशा

2022 का साल चुनावी राजनीति के लिहाज से बेहद अहम है क्योंकि इसमें सात राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से पांच राज्यों में तो 7 महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव हैं और इन राज्यों में देश की राजनीति की दिशा तय करने वाला उत्तर प्रदेश भी है। इसके अलावा उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। जम्मू और कश्मीर में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने के आसार हैं। ऐसे में 2022 में इन राज्यों के नतीजे 2024 के आम चुनाव में बीजेपी को कौन चुनौती देगा, यह भी काफ़ी हद तक साफ हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *