बिना श्रद्धालुओं के भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू, कोविड-19 के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर कर्फ्यू

 रणघोष अपडेट. देशभर से 

कोरोना संकट के बीच ओडिशा के पुरी और गुजरात के अहमदाबाद में सोमवार सुबह से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है। हालांकि कोविड-19 के मद्देनजर लोगों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए यात्रा के मार्ग मे लगाए गए कर्फ्यू के कारण इस बार की रथयात्रा को लेकर उत्सव की उमंग और भीड़ नदारद है। यात्रा में सिर्फ मंदिर परिसर से जुड़े लोग और कुछ अन्य गिने-चुने लोग के शामिल होने की इजाजत है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद में रथयात्रा से पहले मंगला आरती में शामिल हुए।

12 जुलाई यानी आज जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जा रही है। हालांकि, इस बार कोविड नियमों का पालन करते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार रथ यात्रा केवल पुरी में सीमित दायरे में निकाली जाएगी। कोरोना संकट को देखते हुए यात्रा में आम श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। पिछले साल की तरह इस साल भी रथ यात्रा के दौरान कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।

यात्रा से पहले की गई पूजा-अर्चना

अहमदाबाद में सोमवार सुबह जगन्नाथ रथयात्रा की शुरुआत हो चुकी। इस दौरान मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने भगवान जगन्नाथ के रथ के सामने सोने की झाड़ू से सफाई की। रथयात्रा से पहले पूर्जा अर्चना की। अहमदाबाद के जिस  मार्ग से यात्रा निकल रही है, वहां पर कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मंगला आरती में शामिल हुए शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस दौरान अहमदाबाद में ही हैं। अमित शाह ने सोमवार तड़के मंगला आरती में हिस्सा लिया। सुबह चार बजे हुई आरती में शाह अपने परिवार के साथ हिस्सा लेने पहुंचे, यहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ की पूजा की। हाथियों को फल खिलाए।

जानें यात्रा का महत्व

हिन्दू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का बहुत बड़ा महत्व है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकली जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर पहुंचाया जाता हैं, जहां भगवान 7 दिनों तक विश्राम करते हैं। इसके बाद भगवान जगन्नाथ की वापसी की यात्रा शुरु होती है। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पूरे भारत में एक त्योहार की तरह मनाई जाती है। जगन्नाथ रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से आरंभ होकर दशमी तिथि को समाप्त होती है। माना जाता है इस दौरान भगवान जगन्नाथ की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

कोरोना गाइडलाइंस का होगा पालन

जगन्नाथ यात्रा आज से शुरू हो चुकी है। कोरोना वायरस के चलते इस बार भी जगन्नाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। रथ यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा।

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