बार कांउसिल ऑफ पंजाब एण्ड हरियाणा ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर लगाया स्टे

– कहा: जान से ज्यादा जरूरी कोई कामकाज नहीं, पूरे पंजाब, हरियाणा चण्डीगढ में 200 से अधिक वकीलों की कोरोना से मौत


हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में ज्यादा केसों की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस से लगाई थी गुहार मांग पूरी न होने पर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस की कोर्ट की बहिष्कार कर तबादले की  मांग शुक्रवार को बार कांउसिल ऑफ पंजाब एण्ड हरियाणा ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर स्टे लगाया है। बार काउंसिल आफ पंजाब एण्ड हरियाणा के चैयरमेन एडवोकेट मिंदरजीत यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पिछले काफी समय हाई कोर्ट का काम बाधित हो रखा है। सिर्फ कुछ जरूरी मुकददमों की सुनवाई हो रही है वह भी आनलाईन। इसी के चलते चण्डीगढ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस आफ पंजाब एण्ड हरियाणा हाई कोर्ट से मांग की थी कि हाई कोर्ट में केसों की सुनवाई ज्यादा से ज्यादा करवाई जाए जिस बात को हाई चीफ जस्टिस ने सिरे से नकार दिया था।

हाई कोर्ट चीफ जस्टिस द्वारा चण्डीगढ बार एसोसिएशन की मांगे न मानने पर चण्डीगढ बार एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पास कर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस की कोर्ट का बहिष्कार किया था तथा मांग की थी कि हाई कोर्ट चीफ जस्टिस का तबादला किया जाए। उक्त प्रस्ताव पर बार काउंसिल आफ  पंजाब एण्ड हरियाणा के चैयरमेन एडवोकेट मिंदरजीत यादव ने स्टे लगा दिया है। उन्होने बताया कि यह समय पूरे देश के लिए बहुत ही संकट भरा है। अभी तक 200 से अधिक वकीलों को कोरोना महामारी ने अपनी चपेट में लेकर काल का ग्रास बनाया है। इसलिए ऐसे समय में कोर्ट का काम-काज बंद ही रहना चाहिए। सिर्फ जरूरी केसो की सुनवाई आनलाईन ही होनी चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि ऐसे में समय में हमें एक दूसरे का साथ देना चाहिए और अपने घरों में सुरक्षित रहना चाहिए ताकि इस कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। उनके इस फैसले का अधिवक्ताओं ने समर्थन किया है और कहा कि रेवाड़ी निवासी एडवोकेट मिंदरजीत यादव शुरू से ही अधिवक्ताओं के हितों का कार्य करते आ रहे है। पूर्व में भी उन्होने वकीलों के हितों के लिए अनेक बड़े फैसले लिए है जिससे वकीलों का काफी लाभ मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *