बिजलीं चोरी का झूठा केस बनानां बिजलीं निगम को पड़ा महंगा

 जिला न्यायालय ओर जिला उपभोगता संरक्षण प्रकोष्ठ कमीशन ने दिए आदेश


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी


बिजली निगम को बिजलीं चोरी का झूठा केस बनानां महंगा पड़ गया। जिला न्यायालय ओर जिला उपभोगता संरक्षण प्रकोष्ठ कमीशन ने दिए आदेश में निगम पर जुर्माना लगाते हुए पीड़ित सोना देवी को वाद के 20,000/- व लिटिगेशन चार्ज के 11000/- रुपये 9% प्रतिशत ब्याज सहित देने के आदेश दिए। इस मामले से जुड़े दो केस की पैरवी कैलाश चंद एड्वोकेट ने की। मोहल्ला विकास नगर निवासी सोना देवी ने बताया कि वर्ष दिनाक 16 सितंबर 2020  प्रातः लगभग 5 बजे बिजली निगम  रेवाड़ी के कर्मचारी उनके घर का बिजलीं मीटर उतार लें गए और उनके खिलाफ बिजलीं चोरी का एक झूठा केस बना दिया, और उन पर 80 हजार रुपये का जुर्माना लगा कर नोटिस थमा दिया।  इस बारे पहले तो सोना देवी ने बिजलीं निगम से स्पस्टीकरण मांगा, परन्तु निगम ने न तो कोई स्पस्टीकरण दिया, न ही उनके घर का बिजलीं मीटर दोबारा लगाया। निगम के अधिकारियो के रवैये को देख कर सोना देवी ने कैलाश चंद अधिवक्ता के माध्यम से एसडीओ, और एक्सईएन बिजलीं के खिलाफ दिनांक 22 सितंबर 2020  को जिला न्यायालय का रुख किया। न्यायालय के आदेशअनुसार जुर्माने की लगाई गई राशि का 50% प्रतिशत राशि जमा करके बिजलीं मीटर को दोबारा लगाने के आदेश हुए। बिजलीं निगम की मनमानी यही पर नही रुकी, न्यायालय के आदेश के बावजूद निगम ने हटाया गया मीटर के स्थान पर किसी अन्य सूरत सिंह का मीटर लगा दिया और सूरत सिंह के घर का बिजलीं मिटर सोना देवी के घर पर लगा दिया गया  जिस कारण बिजलीं प्रत्येक माह बिल खर्च यूनिट के बजाय बिजलीं निगम अपनी मर्जी से बिल भेजने लगा, जिसकी बार बार शिकायत करने के बाद भी बिल दुरूस्त नही किया जा रहा था।  जिसके उपरांत सोना देवी ने वर्ष 2021 में जिला उपभोगता संरक्षण (कंज्यूमर कोर्ट) में एक ओर केस दायर कर दिया, केस दायर होने के उपरांत विभाग की नींद टूटी ओर गलत मीटर को हटाकर सोना देवी के घर का बिजलीं मीटर को दुरूस्त करके दोबारा लगाया गया। परन्तु निगम द्वारा परेशान किया जाना जारी रहा। निगम द्वारा बिजलीं चोरी के बनाये गए झूठे केस का 50% बकाया जुर्माना जोड़ कर बार-बार बिल में जोड़कर देता रहा जिसे ठीक करवाने के लिये बार बार सोना देवी निगम कार्यालय को पत्र लिखकर बिल ठीक करवाकर जमा करती आ रही हैं। बिजलीं चोरी के झूठे केस की सुनवाई ओर बहस हुई जिस पर  पीयूष शर्मा की अदालत ने सभी साक्ष्यों को देखने के बाद निर्णय सुनाया कि  बिजलीं चोरी का जो केस बनाया वो  झूठा था। दूसरे केस जिला उपभोक्ता संरक्षण (कंज्यूमर कोर्ट रेवाड़ी ) केस की सुनवाई भी तेज गति से आगे बढ़ी,। निगम ने लिखित में बताया कि सोना देवी का ये कहना गलत है कि उनके घर का बिजलीं मीटर किसी अन्य के घर पर बिजलीं निगम ने लगा दिया था। अधिवक्ता कैलाश चंद ने बिजलीं निगम को जन सूचना अधिकार कानून 2005 के तहत मांगी गई जानकारी पर गलत साबित कर दिया। कैलाश चंद ने बताया कि निगम ने कोर्ट को गुमराह किया है। वह अपने जवाब में ओर जन सूचना अधिकार कानून के जवाब  दोनों अलग अलग विपरीत दिए है। जिला कंज्यूमर कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया ओर स्पष्ट किया कि बिजलीं निगम कंज्यूमर सोना देवी को परेशान करता आ रहा है इसलिए निगम 50,हजार सोना देवी को देगा, साथ मे 11 हजार  लिटिगेशन चार्ज, पूरी रकम पर 9% ब्याज के साथ अदायगी करेगा। एक माह में पूरा पैसा नहीं दिया गया तो 12% ब्याज लगाया जाएगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *