ब्लैक फंगस अब नया खतरा, कोरोना से ज्यादा है मृत्यु दर, केंद्र ने राज्यों से कहा-घोषित करें महामारी

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस या म्यूकोरमायकोसिस अब नया खतरा बन गया है। इसके कई राज्यों में मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत नोटिफाइड डिजीज श्रेणी में डाला जाए। ये कोरोना मरीजों की मौत का कारण बन रहा है।स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि हाल के दिनों में म्यूकरमाइकोसिस नाम का एक फंगल इन्फेक्शन नई चुनौती के रूप में सामने आया है। कई राज्यों में यह कोविड-19 के मरीजों में देखने को मिल रहा है, खासकर उन मरीजों में जिन्हें स्टेरॉयड थेरेपी दी गई और शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं है। संयुक्त सचिव ने लिखा, ”यह फंगल इन्फेक्शन कोविड 19 मरीजों को लंबे समय तक बीमारी और मौतों की वजह बन रहा है।”स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सभी सरकारी, प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्रों, मेडिकल कॉलेजों को म्यूकरमाइकोसिस की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस, और मैनेजमेंट के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। इसके साथ ही राज्यों से कहा गया है कि हर पुष्ट और संभावित केसों की जानकारी भी केंद्र सरकार को उपलब्ध कराई जाए। इसके बाद इन्हें इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रॉजेक्ट (आईडीएसपी) सर्विलांस सिस्टम में अपडेट किया जाएगा। बता दें कि हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्य पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं।उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है। ये मोल्ड पूरे वातावरण में रहते हैं। यह खास तौर से  उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या ऐसी इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं जो शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लड़ऩे की क्षमता कम करती हैं। उन्होंने मरीजों को सलाह दी गई है कि वे शीघ्र उपचार कराएं, मधुमेह नियंत्रित करें, स्टेरॉयड तभी लें जब ये आवश्यक हों।

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