– श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित
श्रीकृष्णा सी. सै. स्कूल महेंद्रगढ़ में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर विभिन्न कायक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने कविता, भाषण, देशभक्ति गीत, समुहगान गीत सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने ऑनलाइन प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में विद्यार्थियों एवं स्कूल प्रशासन द्वारा महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में कोरोना महामारी के बचाव के सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का विशेष ध्यान रखा गया। विद्यार्थियों द्वारा मास्क पहनकर एवं शारीरिक दूरी अपना कर कोविड-19 के प्रति जागरूकता का संदेश भी दिया। विश्व में फैली कोविड-19 महामारी ने व्यक्तियों के जीवन पर प्रभाव डाला है लेकिन कोविडि-19 के बचाव के लिए देश एवं प्रदेश में स्वास्थ्य तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों पर सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान भी शुरू कर दिया गया है जिससे लोग राहत महसूस कर रहे है। इस अवसर पर स्कूल के एमडी कर्मवीर राव ने विद्यार्थियों को शूरवीर महाराणा प्रताप के जीवन से संबंधित वीर गाथाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खुद्दारी और स्वाभिमान का दूसरा नाम था महाराणा प्रताप। भारतीय इतिहास में महाराणा प्रताप की बहादुरी विश्वविख्यात है। महाराणा प्रताप वीरता और दृढ़ प्रण के लिए विश्व प्रसिद्ध रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को उनकी तरह वीर, साहसी और निडर बनने के लिए भी प्रेरित करते हुए कहा कि हमें अपने पूर्वजों के पद्चिन्हों पर चलने की भी जरूरत है।
इस मौके पर स्कूल के प्राचार्य वीरेन्द्र सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप से कौन परिचित नहीं है, उनके जैसा विराट व्यक्तित्व मध्यकालीन भारत में खोजने से भी नहीं मिलता जिन्होंने स्वतंत्रता की खातिर और अपनी मातृभूमि को परतंत्रता से मुक्त करवाने के लिए जीवनभर संघर्ष किया। हल्दीघाटी का युद्ध उनके शौर्य और वीरता के लिए जाना जाता है। उनका घोड़ा चेतक दुनिया के इतिहास का सबसे प्रसिद्ध घोड़ा है। इस मौके पर पीआरओ सुधीर यादव, रवि प्रकाश व प्रवीन कोथल सहित स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित था।