भारत का इस्तेमाल करना चाहता है अमेरिकाः चीन मीडिया

रणघोष अपडेट. विश्वभर से 

चीन के मीडिया ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर कई तरह की प्रतिक्रिया दी है। द ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अमेरिका दरअसल भारत का इस्तेमाल चीन के खिलाफ करना चाहता है। अमेरिका चीन की आर्थिक प्रगति से परेशान है। इसलिए वो उसका मुकाबला भारत को आगे बढ़ाकर करना चाहता है।द ग्लोबल टाइम्स में चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी ने तीन देशों के बीच बहुपक्षीय संबंधों के बारे में बात करते हुए कहा कि वाशिंगटन नई दिल्ली को बीजिंग के खिलाफ एक ऐसे देश के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है, जिसके सहारे वो चीन को घेर सके।वांग यी ने कहा- 2014 में प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से यह मोदी की अमेरिका की छठी यात्रा है, लेकिन अमेरिका की उनकी पहली राजकीय यात्रा है। जैसा कि अमेरिका चीन का सामना करने और चीन की आर्थिक प्रगति को रोकने के लिए भारत को आगे बढ़ाने के प्रयासों को गति दे रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि वाशिंगटन द्वारा मोदी को गले लगाने की एक कीमत है। यह कहते हुए कि अमेरिका के आकर्षण अभियान को भारत के कुछ वर्ग द्वारा निराशा के साथ नोट किया गया है। उन्हें चिंता है कि अमेरिका चीन के खिलाफ “भारत को एक सेतु के रूप में इस्तेमाल करने” की कोशिश कर रहा है। चीन के पूर्व विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, “अमेरिका की यह जियोपोलिटिकल राजनीतिक गुणाभाग विफल होना तय है क्योंकि ग्लोबल सप्लाई चेन में चीन की स्थिति को भारत या अन्य अर्थव्यवस्थाओं द्वारा हटाया नहीं जा सकता है।” यानी भारत या कोई अन्य देश ग्लोबल सप्लाई चेन में चीन की जगह नहीं ले सकते। ग्लोबल टाइम्स के इस लेख में कहा गया है, “अमेरिका के जियोपोलिटिकल गुणाभाग को पढ़ना मुश्किल नहीं है। जैसा कि कई भारतीय प्रबुद्ध वर्ग ने आशंका जताई है, भारत के साथ आर्थिक और व्यापार सहयोग को मजबूत करने के वाशिंगटन के जोरदार प्रयास मुख्य रूप से चीन के आर्थिक विकास को धीमा करने के लिए हैं।”वांग यी ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार चीन के साथ उसके व्यापार की जगह नहीं ले सकता। वैश्विक औद्योगिक सहयोग बनाए रखने से चीन, भारत और अमेरिका के बीच साझा हित मौजूद हैं।इसमें कहा गया है, “अगर अमेरिका और भारत आर्थिक और व्यापार सहयोग को और विकसित करना चाहते हैं, तो उन्हें चीन को निशाना बनाने के बजाय आपस में समस्याओं को सुलझाना चाहिए।”दिलचस्प बात यह है कि वांग यी का यह लेख ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीजिंग की अपनी पांच दिवसीय यात्रा पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और वांग यी से मुलाकात की। इसे अमेरिका द्वारा अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम करने के प्रयास के रूप में देखा गया।

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