भारत के 4 में से 1 व्यक्ति के शरीर में टाइम बम की तरह पल रहा हाई बीपी, अधिकांश को पता ही नहीं, चुकानी पड़ती है भारी कीमत

यूं तो हाई ब्लड प्रेशर के कारण पूरी दुनिया परेशान है लेकिन भारत का दर्द इससे कहीं ज्यादा है. दरअसल, भारत में जितने लोगों को हाई बीपी है, उनमें 90 फीसदी लोगों को या तो पता नहीं है कि उन्हें हाई बीपी है या पता है तो वे इसका इलाज ही नहीं कराते. यहां तक कि वे ब्लड प्रेशर जांच कराना भी मुनासिब नहीं समझते. इसकी भारी कीमत हार्ट अटैक या स्ट्रेक से चुकानी पड़ती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विश्व में 1.28 अरब लोगों को हाई ब्लड प्रेशर हैं. इनमें 30 से 40 साल के लोगों की संख्या भी अच्छी खासी है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन 1.28 अरब लोगों में 46 प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं कि वे हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं. ये बहुत बड़ी चिंता की बात है क्योंकि कम उम्र में यदि हाई ब्लड प्रेशर हो गया तो उसका खामियाजा बाद के जीवन में बहुत खतरनाक तरीके से भुगतना पड़ता है. इसमें भी अगर शुरुआत में इसका इलाज नहीं किया गया तो शरीर में पलने वाली बीमारियां नासूर बन सकती है.

भारत में हर 4 में एक को हाई ब्लड प्रेशर

जामा नेटवर्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 4 में से 1 भारतीय हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं. चिंता की बात यह है कि भारत में जितने लोगों को हाई बीपी है, उनमें 90 प्रतिशत वयस्क को पता ही नहीं कि उन्हें हाइपरटेंशन है या अगर पता भी है तो वे न तो इसकी जांच कराते और न ही कभी इसका इलाज कराया है. इस कारण भारत में एक तरह से लोग अपने शरीर में टाइम बम लेकर रह रहे हैं क्योंकि हाई बीपी अचानक हार्ट अटैक या स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है. फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि भारत में भी लोगों का लाइफस्टाइल तेजी से बदल रहा है. लोगों का खाना-पीना भी अनहेल्दी हो गया. नमक का सेवन बहुत ज्यादा किया जा रहा है. लोगों में तनाव बहुत ज्यादा है. ये कई कारण हैं जिनके कारण हाई बीपी हो रहा है. चूंकि हाई ब्लड प्रेशर में कोई लक्षण नहीं दिखता, इसलिए लोग इसके प्रति और लापरवाह रहते हैं. लेकिन इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग जांच नहीं कराते.

हाई बीपी के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल ज्यादा घातक
हाल ही में एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि जिन लोगों को यंग एज में हाई ब्लड प्रेशर है और वे इलाज नहीं कराते हैं तो उनमें बाद के जीवन में हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसके बाद भले ही वह इलाज भी करा लें तो भी उन पर हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट का खतरा मंडराता रहेगा. अगर हाई ब्लड प्रेशर के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल भी है तो यह खतरा और भी ज्यादा हो जाता है. आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल भी हो जाता है. चिंता की बात यह है कि आमतौर पर लोग ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की जांच करते ही नहीं है. खासकर युवा तो यही सोचते हैं कि ब्लड प्रेशर उन्हें हो ही नहीं सकता. लेकिन नई स्टडी इसे बहुत ही खराब ट्रेंड बताती है.

इलाज कराने से खतरा कम
रिसर्च के मुताबिक युवा वर्ग को हाई बीपी के प्रति बेहद सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल यंग एज में भी हार्ट अटैक या अन्य तरह के हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा देता है. अगर यंग एज में वे इन बीमारियों से बच भी गए तो बाद की उम्र में उन्हें हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना ज्यादा रहता है. यह अध्ययन पीएलओएस वन जर्नल में 20 दिसंबर 2023 को प्रकाशित हुआ है. इस अध्ययन में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल वाले 1.36 लाख लोग, 24,052 मरीज कोरोनरी आर्टरी डिजीज वाले और हाई ब्लड प्रेशर वाले 1.35 लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया था. अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि जिन व्यक्तियों के यंग एज में हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल दोनों है, उन्हें हार्ट डिजीज का जोखिम बहुत ज्यादा है. रिसर्च के मुताबिक इससे लाइफ लॉन्ग खतरा बना रहता है. इसलिए लोगों को सलाह दी गई है कि यंग एज से ही नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें. क्योंकि अगर शुरू में इसका इलाज करा लेंगे तो बाद में हार्ट डिजीज को खतरा कम हो जाएगा.

 

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