ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाया

रणघोष अपडेट. देशभर से 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को कैबिनेट मंत्री के पद से हटा दिया है। बता दें कि ईडी ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से 50 करोड़ रुपये कैश बरामद किया है। इसके अलावा 5 किलो से ज़्यादा सोना और अहम दस्तावेज़ भी मिले हैं। पार्थ चटर्जी ममता बनर्जी के करीबियों में शुमार थे और तृणमूल कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी हैं। ईडी की छापेमारी के बाद पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं और पश्चिम बंगाल बीजेपी पार्थ को हटाने को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही थी। अंततः ममता बनर्जी को पार्थ चटर्जी को हटाना ही पड़ा।ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के तहत शुक्रवार को बंगाल के दो मंत्रियों- पार्थ चटर्जी और परेश अधिकारी के आवासों पर छापा मारा था। 23 घंटे की पूछताछ के बाद चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।

बेहिसाब पैसा

अर्पिता मुखर्जी के बेलघोरिया स्थित फ्लैट से करीब 30 करोड़ कैश बरामद हुआ है और यह पैसा कमरों के अंदर, बाथरूम में भरा हुआ था। इनको गिनने के लिए मशीनें मंगवाई गई और बुधवार पूरी रात गिनने के बाद गुरूवार सुबह 6 बजे नोटों की गिनती पूरी हो सकी। नोटों को भरने के लिए लोहे के बड़े बक्से मंगवाए गए और इन पैसों को भरकर बक्सों में ले जाया गया। इससे पहले भी अर्पिता मुखर्जी के एक कोलकाता स्थित आवास से छापेमारी के दौरान 21 करोड़ से ज़्यादा कैश मिला था।

ममता के पुराने सहयोगी हैं पार्थ

पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में शुमार हैं और पश्चिम बंगाल में जब वामदलों की सरकार थी तब ममता बनर्जी के साथ मिलकर उन्होंने वामदलों की सरकार को हटाने के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। पश्चिम बंगाल की सियासत में पार्थ चटर्जी का अच्छा-खासा दबदबा रहा है। ममता बनर्जी उन्हें पार्थो दा कहकर पुकारती हैं और उन पर बहुत भरोसा करती थीं।

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