ममता बनर्जी पर ‘हमले’ से भड़के तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता, ट्रेनें रोकीं, बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को चोट लगने के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। यही नहीं गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उन पर हमले का आरोप लगाते हुए ट्रेनें रोकीं। टीएमसी समर्थक और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार सुबह कदमबागची रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोका। यह रेलवे स्टेशन सियालदाह-हसनाबाद लाइन पर स्थित है। बुधवार को नंदीग्राम विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद ममता बनर्जी ने शाम 6 बजे के करीब एक मंदिर के बाहर खुद पर हमला होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके पैर में चोट आई है। फिलहाल वह कोलकाता में अपना इलाज करा रही हैं। ममता के इलाज में जुटी डॉक्टरों की टीम का कहना है कि उन्हें पैर के टखने में चोट आई है। इसके अलावा सीने में दर्द हो रहा है।

टीएमसी का कहना है कि वह इस घटना की शिकायत चुनाव आयोग से करेगी। वहीं निर्वाचन आयोग ने अपनी ओर से एक पैनल घटनास्थल पर भेजने की बात कही है, जो पूरे मामले की जांच करेगा और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेगा। आयोग ने पहले ही अपने पर्यवेक्षकों और राज्य प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के निदेशक मणिमय बनर्जी ने कहा, ‘उन्हें बाएं पैर के टखने में चोट आई है। इसके अलावा दाएं कंधे पर भी चोट के निशान हैं। यही नहीं गले पर भी चोट आई है। उन्होंने सीने में दर्द और सांस में लेने में दिक्कत होने की भी शिकायत की है।’

डॉक्टरों का कहना है कि हादसे की वजह से ममता बनर्जी डर गई हैं। इसके चलते उन्हें गहन निगरानी में रखा गया है। चोट लगने के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘मैं अपनी कार के अंदर थी और लोगों को अभिवादन कर रही थी। इसी दौरान वे लोग आए और मेरी कार का गेट अचानक बंद कर दिया। इससे मेरे पैर में चोट लगी है। वहां बहुत से लोग थे, लेकिन 4-5 लोगों ने जानबूझकर ऐसा किया था। निश्चित तौर पर यह कोई साजिश है।’ ममता बनर्जी ने भले ही किसी दल का नाम नहीं लिया था, लेकिन विपक्षी पार्टियों ने ममता के आरोपों को ड्रामा करार दिया है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी ने ड्रामा करने में पीएचडी की है। पार्टी के अन्य नेताओं ने कहा कि वह जनता की सहानुभूति लेने के लिए ऐसा कर रही हैं। दिलीप घोष ने गुरुवार सुबह कहा, ‘हमारे कार्यकर्ताओं को भी चोटें आई हैं। वे इलाज के लिए गए और फिर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए लौट आए। उन्होंने कोई ड्रामा नहीं किया। उनके पास जवाब देने की हिम्मत नहीं है, इसलिए ड्रामा कर रही है। यह उनकी पुरानी आदत है। ममता बनर्जी ने ड्रामा करने में पीएचडी की है।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि चीफ मिनिस्टर पर अटैक हुआ है तो यह गंभीर मसला है और इसकी सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए।

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