यह लेख हमने जगाने आया है आंखे तो खोलिए..

जागो रेवाडी- बावल की जनता..


… मै मैट्रो.. आपको बुला रही हूं…


 रणघोष अपडेट. जागरूक नागरिक की कलम से

 हे रेवाड़ी- बावल की जनता……………

जागो  मेरा नाम मैट्रो है…।

मेरे साथ चलना सीखो ..। दौडना सीखो ..और अपने अधिकार के लिए आगे आना सीखो..।

मैं भी एक  मा की तरह आप सभी के जीवन में बेहतर बदलाव के लिए आई हूं। मुझे समझना है, जानना है तो दिल्ली आकर मेरी गोद में बैठकर देश की इस राजधानी को मेरी नजरों से देखो। बहुत ही सुकुन- आनंद और गर्व महसूस होगा।  गुरुग्राम- नोएडा- गाजियाबाद समेत देश के बडे शहरों में रहने वाले लोगो से भी पूछो। मै जहा से गुजरी हूं सभी का जीवन सुंदर सरल ओर बेहतर बनता चला गया। मुझे पता है रेवाडी- बावल- धारूहेड़ा से हजारो लाखो युवाओ व आमजन का दिल्ली- गुरुग्राम- नोएडा में रोजगार, व्यवसाय ओर अपना बेहतर भविष्य बनाने के लिए आना जाना होता हैं। मुझे बहुत खुशी होती है जब मोबाइल पर वे एक दूसरे से से कहते सुनते है.. मैट्रो से आना जाना किया करो। चिंता नहीं रहती। जिस तरह घर में मां सबसे पहले उठकर परिवार के सभी सदस्यों की छोटी छोटी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए रात को सबसे अंत में आराम करती है। मै भी उसी मा की तरह आप सभी की रोजमर्रा की जिदंगी को बेहतर बनाने के लिए दौड़ती रहती हूं। इसलिए याद करिए  2009 में सरकार ने गुरुग्राम से धारूहेडा- रेवाडी- बावल से होते हुए राजस्थान के नीमराना- शाहजहांपुर से अलवर तक  मेरी जरूरत को महसूस किया । उस समय मुझे लाने की सभी तैयारिया हो गईं थी।  ऐसा लगा की मै आप सभी की जिदंगी का हिस्सा बनने जा रही हूं। लेकिन ना जाने किसकी नजर लग गईं। 14 साल से अधिक का समय बीत गया कुछ नहीं हुआ। यहा तक की किसी ने याद तक नहीं किया।  पता नहीं क्यों। मै तो बोल नहीं सकती। आप तो इंसान है। समझदार है। अच्छे बुरे, अपने पराए, गलत सही की समझ रखते है। फिर भी आप सोए रहे। मै आने का इंतजार करती रही आप लोग मुझे अनदेखा करते रहे। मै आज तक नही समझ पाई की आप सभी मुझे अपने पास बुलाने के लिए जागृत क्यों नहीं आ पाए। क्या आपने कभी गौर किया। अगर मै समय पर आ जाती  तो ना जाने अभी तक कितने हजारों सड़क हादसे होने से बच जाते। आप सभी की जिदंगी तेजी से फैलते प्रदूषण से प्रदूषित होने से बच जाती। दिल्ली- गुरुग्राम- नोएडा जिसे आप अपने से दूर मानकर ठहर जाते थे वह आपको कितनी नजदीक लगती। अब 2024 आ गई है। मुझे बताया जा रहा है की मै आपके पास आ रही हूं वो भी धारूहेडा तक। जबकि 14 साल पहले मुझे राजस्थान की सीमा शाहजहापुर तक पहले ही प्रयास में आपके पास पहुंचना था।  यह बदलाव अचानक कैसे हो गया। रेवाडी और बावल की जनता अपनी सरकार से पूछे। बार बार पूछे और तब तक पूछते रहे जब तक सही जवाब नही मिल जाता।  अब भी आप नही जागे तो आपके बच्चे आपसे पूछेगे की 14 साल तक आपने क्या किया। इसी तरह की मानसिकता और  उदासीनता रही तो कोई मुझसे यह उम्मीद मत करना की मै आ रही हूं। जिसने मुझे समझा और मुझे अपने पास बुलाने के लिए एकसुर में आवाज को सरकार तक पहुंचाया मै सरपट वहां दौड़ती नजर आईं। यकीन ना हो तो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आकर देख लो। 2009 के बाद मुझे आपके पास होना चाहिए था और मै नजर गाजियाबाद आ रही हूं। कितना फर्क है आपकी और उनकी जागृत सोच और कार्य करने की व्यवस्था में। अभी भी देरी नहीं हुई है जागो। मै आपके पास आने का इंतजार कर रही हूं..। मैट्रो लाने के इस अभियान में जुडने के लिए हमसे संपर्क करे..।  हमारे मोबाइल नंबर 7206492978 पर अपना सुझाव रख सकते हैं