यूपीएससी 2023 : मज़दूर के बेटे से लेकर आईआईटी ग्रेजुएट तक, मिलिए इस बार के सितारों से…

रणघोष अपडेट. देशभर से  साभार: बीबीसी 

साल 2023 की सिविल सेवा परीक्षा के नतीज़ों ने हर बार की तरह इस बार भी कामयाबी और संघर्ष की कई कहानियों को लोगों से रूबरू कराया है.इस परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने पहला स्थान हासिल किया है, अनिमेष प्रधान दूसरे नंबर पर रहे हैं और डी अनन्या रेड्डी ने थर्ड रैंक हासिल किया है.सफल होने वाले 1,016 उम्मीदवारों में एक शख़्स ऐसे भी हैं जो मज़दूर के बेटे हैं, आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़े लोग भी हैं.दूसरे स्थान पर रहे सफल अभ्यर्थी जब सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे तो उस महीने उनकी मां की कैंसर के कारण मौत हो गई थी.ये बात भी है कि हरेक उम्मीदवार को कामयाबी के रास्ते में अपने-अपने हिस्से का संघर्ष करना होता है और किसी का संघर्ष, किसी दूसरे के संघर्ष से छोटा या बड़ा नहीं होता. सोशल मीडिया पर ऐसी कई कहानियां अब ट्रेंड कर रही हैं. इस लेख में हमने सफल होने वाले कुछ अभ्यर्थियों की कहानी उनकी जुबानी समझने की कोशिश की है.

आदित्य श्रीवास्तव, ऑल इंडिया टॉपर

सिविल सेवा परीक्षा में नंबर एक की रैंकिंग हासिल करने वाले आदित्य श्रीवास्तव इस समय सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं. आईआईटी कानपुर से बीटेक और एमटेक करने वाले आदित्य लखनऊ के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी कामयाबी पर बताया, “मैं और मेरा परिवार बहुत खुश हैं. ये मेरा तीसरा प्रयास था. मेहनत करनी पड़ी, लगातार अपनी खामियों को पहचानना और सुधारना, उसके कारण सफर थोड़ा चुनौतीपूर्ण था. मैं भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि मुझे 70 के अंदर रैंक दिलवा दें ताकि में आईएएस बन पाऊं.”यूपीएससी एस्पिरेंट्स को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, “दृढ़ संकल्प, साथ में आपका हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क, ये दोनों आप मिलाकर करें तो इस परीक्षा में सफलता मिल सकती है.”

अनिमेष प्रधान, ऑल इंडिया सेकेंड रैंकिंग

यूपीएससी सिविल सेवा में इस बार दूसरी रैंक अनिमेष प्रधान ने हासिल की है. अनिमेष ने ये सफलता अपने पहले प्रयास में हासिल की है.अनिमेष जब यूपीएससी इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे, उस महीने उनकी मां की कैंसर के कारण मौत हो गई थी. 24 साल के अनिमेष ओडिशा से हैं.  अनिमेष ने इंडिया एक्सप्रेस अख़बार को बताया, “सब्र और दृढ़ता से उन्हें मुश्किल हालात से निपटने में मदद मिली. मेरी तैयारी में मां ने सबसे ज़्यादा साथ दिया, मैं यूपीएससी अपनी मां के लिए निकालना चाहता था. मुझे मालूम था कि उनके पास अब कुछ दिन ही बचे हैं. वो लास्ट स्टेज के कैंसर से जूझ रही थीं. मैं यूपीएससी में जल्द से जल्द पास होना चाहता था ताकि मेरी मां को मुझ पर गर्व हो सके.”सिविल सेवा परीक्षा में अनिमेष का वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र था. उन्होंने बताया, “मेरी समाज और समाज शास्त्र के मुद्दों में हमेशा रुचि रही है. बीटेक की पढ़ाई के दौरान हमारा सामाजिक विज्ञान का एक पेपर होता था, इसी के ज़रिए मुझे इस विषय के बारे में पता चला.”अनिमेष ने कहा कि उन्होंने यूपीएससी के लिए किसी तरह की कोचिंग क्लास नहीं ली है. अनिमेष ने ओडिशा कैडर को अपनी पहली प्राथमिकता बताया है.

अनन्या रेड्डी, ऑल इंडिया थर्ड रैंकिंग

तेलंगाना के महबूबनगर ज़िले की अनन्या रेड्डी ने सिविल सेवा परीक्षा में थर्ड रैंक हासिल की है. उन्होंने साल 2021 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से जियोग्राफी में ग्रेजुएशन किया है. अनन्या ने अपनी जर्नी के बारे में बताया, “मैंने पूरे दो साल यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. ये मेरा पहला प्रयास था. मैं बेहद खुश हूं कि पहले ही प्रयास में मैं ये उपलब्धि हासिल कर सकी.” इस कामयाबी को हासिल करने के पीछे उनके प्रेरणास्रोत कौन थे? इस सवाल के जवाब में अनन्या ने कहा, “ऐसा कोई व्यक्ति विशेष नहीं है बस मैं लोगों की सेवा करना चाहती हूं.”

 

वर्धा ख़ान, ऑल इंडिया रैंकिंग 18

Iनोएडा की वर्धा ख़ान ने इस परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की है. वर्धा को ये कामयाबी अपने दूसरे प्रयास में मिली है. वो इस परीक्षा के लिए 2021 से तैयारी कर रही थीं. उन्होंने बताया, “मैंने ये तो कभी नहीं सोचा था कि टॉप 20 में आऊंगी. हर एस्पिरेंट की तरह बस यही आशा था कि बस लिस्ट में नाम आ जाए. ये बहुत ही बड़ा मूमेंट है, मेरे लिए भी और मेरी फैमिली के लिए भी. इसमें कोई शक नहीं कि ये रास्ता बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है. इसमें अकेले रहना होता है, सोशल लाइफ़ की कुर्बानी देनी होती है. लेकिन इसके बावजूद मैं समझती हूं कि फैमिली और फ्रेंड्स ने मुझे काफी सपोर्ट किया.”रैंकिंग के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं जब तैयारी कर रही थी तो मैंने कभी ये सोच कर नहीं चली कि मुझे इतनी ही रैंक चाहिए या इतनी ही रैंक पानी है. मैं हमेशा इस चीज़ पर यकीन करती हूं कि हम सिर्फ़ हार्ड वर्क कर सकते हैं बाक़ी रिजल्ट्स ऊपर वाले के हाथ में होता है. पढ़ाई के दौरान मुझे हर तरफ़ से सपोर्ट मिला. मेरी मां ने इस जर्नी में मेरी काफी मदद की. मुझ पर करियर में किसी भी तरह का प्रेशर नहीं था. ईश्वर की कृपा से कोई फाइनैंशियल इशू नहीं रहा.”

पवन कुमार, ऑल इंडिया रैंकिंग 239

बुलंदशहर के पवन कुमार के पिता मजदूरी करते हैं. लोग उनके संघर्ष की सराहना कर रहे हैं. उनके घर की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं.
पवन कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “ये मेरा थर्ड अटेम्पट और सेकेंड मेंस था. मेरी सफलता में मेरे परिवार का बहुत बड़ा योगदान है. इसमें विशेष तौर पर मेरी मम्मी, मेरे पापा और मेरी बहनों का बहुत बड़ा योगदान है.”संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के एस्पिरेंट्स (आकांक्षियों) को संदेश देते हुए पवन कुमार ने कहा, “एग्जाम टफ है. सिलेबस बहुत वास्ट है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये नामुमकिन है. ज़रूरी नहीं है कि आप कोचिंग करेंगे तभी आप एग्जाम निकालेंगे. चूंकि मैं इस कंडीशन में नहीं रहा कि मैं इतनी महंगी कोचिंग कर पाऊं. मैंने ज़्यादातर सेल्फ स्टडी ही की थी. सिर्फ़ ऑप्शनल के लिए मैंने कोचिंग ली थी. मेरा मैसेज यही है कि आप अपनी सेल्फ स्टडी पर भरोसा कर सकते हैं. इंटरनेट पर काफी सोर्सेज हैं, आप उसकी हेल्प ले सकते हैं. अपनी मेहनत में ईमानदारी रखें.”