15 रूसी राजनयिकों को वापस भेजा, जानें पूरा मामला
रूस जहां यूक्रेन के साथ युद्ध में व्यस्त है वहीं, उसकी चौतरफा घेराबंदी चल रही है. कई पश्चिमी देश उसका बहिष्कार कर रहे हैं और प्रतिबंध लगा रहे हैं. इस कड़ी में एक यूरोपीय देश का नाम जुड़ गया जिसने रूस से सीधे तौर पर पंगा ले लिया है. इस देश का नाम सुन कर आप हैरान हो सकते हैं, लेकिन मामला चौकाने वाला है. दरअसल योरोपियन देश नॉर्वे ने रूसी नागरिकों पर जासूसी का आरोप लगाते हुआ उन्हें देश से निकल जाने का आदेश दिया है.
नॉर्वे की सरकार ने गुरुवार को बयान देते हुआ बताया, ‘वह 15 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर रही है, क्योंकि उन पर ओस्लो में रूसी दूतावास में काम करने के दौरान खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का संदेह है.’ सरकार ने कहा कि ये रूसी नागरिक देश की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय हित के खिलाफ जाकर काम कर रहेथे और ये रूस के लिए दस्तावेज इकठ्ठा कर रहे थे. विदेश मंत्री एनीकेन ह्यूटफेल्ड ने कहा कि यह कदम ‘नॉर्वे में रूसी खुफिया गतिविधियों के दायरे को कम करने और इस तरह हमारे राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है.’
नॉर्वे सरकार ने बयां में कहा कि रूसियों की काम का तरीका और काम दोनों ही उनके राष्ट्रहित के खिलाफ है और ये उनके राजनयिक पद से संबंधित नहीं है. सरकार ने कहा कि उनकी ये कदम सीधे देश को चुनौती देने के सामान है. ऐसा माना जा रहा है कि नॉर्वे का ये कदम रूस और रूसी राष्ट्रपति को चुनौती देने के समान है. हालांकि अभी तक रूस या रूस के किसी प्रवक्ता के तरफ से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ये देश पुतिन के राडार में आ चुका है और पुतिन बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.