रणघोष की अभिभावकों से अपील अपने बच्चों को बेहतर इंसान बनाइए प्रोडेक्ट नहीं..

कोटा कोचिंग में 3 बच्चों के सुसाइड की घटना ने फिर झकझोरा


रणघोष खास. राजस्थान कोटा से


कोचिंग सिटी कोटा में 12 घंटे में तीन छात्रों की खुदकुशी की घटना ने एक बार फिर सभी को झकझोर कर रख दिया है। सुसाइड करने वाले तीनों स्टूडेंट्स राजस्थान के सबसे बड़े इंस्टीट्यूट एलन में पढ़ते थे। शुरुआती जांच में सामने आया कि ये बच्चे पढ़ाई के दबाव की वजह से डिप्रेशन में चले गए थे। यह भी पता चला है कि ये बच्चे कुछ दिनों से कोचिंग मिस कर रहे थे। अब तक ये खुलासा नहीं हुआ कि वे कितने दिन से कोचिंग नहीं जा रहे थे।

भास्कर के अनुसार इन स्टूडेंट्स का कोई सुसाइड नोट नहीं आया है, लेकिन दोस्तों और हॉस्टल से मिली जानकारी के अनुसार बच्चे क्लास और टेस्ट मिस कर रहे थे। इन सब के बीच, सोमवार का सुसाइड करने वाले दो स्टूडेंट के परिजन कोटा पहुंच गए हैं। एक स्टूडेंट की बहन और दूसरे स्टूडेंट्स के दोस्त महाराव भीम सिंह अस्पताल (एमबीएस) की मॉर्च्युरी पर मौजूद रहे। जवाहर नगर थाना क्षेत्र में दो कोचिंग स्टूडेंट कृष्ण कुंज पीजी हॉस्टल में रहते थे, हॉस्टल के संचालक को भी स्टूडेंट्स के कोचिंग से बंक मारने की जानकारी नहीं थी। इसको लेकर एसपी सिटी ने भी हॉस्टल संचालक से नाराजगी जताई। मामले की गंभीरता देखते हुए कलेक्टर ओपी बुनकर ने मंगलवार को कोचिंग संचालकों की बैठक बुलाई है। सुसाइड करने वाले छात्र अंकुश का दोस्त प्रिंस उसी इलाके के हॉस्टल में रहता है। वो सुबह साथ में खाना खाने जाते थे। प्रिंस ने बताया कि सुबह 11 बजे अंकुश को कई बार फोन किया था। उसने नहीं उठाया। दोस्त को लेकर अंकुश के हॉस्टल पहुंचा। अंदर से लॉक लगा हुआ था। खिड़की से देखा तो वो फांसी पर लटका मिला। प्रिंस ने बताया कि उसके पैर जमीन पर अड़े हुए थे, तुरंत पास के रूम में रहने वाले स्टूडेंट को बताया। फिर हॉस्टल संचालक को सूचना दी। अंकुश का दीपावली से पहले एक्सीडेंट हुआ था। वो स्कूटी से गिरा था। 15 दिन पहले ही बिहार से कोटा लौटा था। वो रोज शाम साढ़े 5 बजे अपने घर पर बात करता था। बिहार के सिमराही में उसका ननिहाल है। वहां उसकी फ्रेंड रहती है, अंकुश उससे भी अक्सर बात किया करता था। उज्ज्वल के दोस्त ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उज्ज्वल परिवार में इकलौता था। कक्षा 9वीं से कोटा में रहता था। अभी 11वीं में पढ़ रहा था। अपनी इच्छा से पढ़ाई के लिए कोटा आया था। उसकी बहन पहले से यहां कोचिंग कर रही है। पुलिस अंकुश का शव उतार रही थी, तभी उज्ज्वल की बहन भी हॉस्टल पहुंची। भाई ने दरवाजा नहीं खोला तो हॉस्टल में मौजूद पुलिस को सूचना दी। तभी उज्जवल का भी शव मिला।दोस्त ने बताया, ‘उज्ज्वल पढ़ाई में अच्छा था। हाल ही में उसने कोचिंग का एक टेस्ट मिस किया था। ये बात उसने पिता को बताई तो उसे डांट पड़ी थी। रविवार की रात को उज्ज्वल ने बीयर पी थी। उसे गुस्सा आ रहा था। गुस्से में वो वापस घर जाने की बात कर रहा था। मैं रात 11 बजे तक साथ था। फिर अपने अपने हॉस्टल में जाकर सो गया। सुबह उसके सुसाइड की जानकारी मिली।’ मृतक उज्ज्वल के बचपन के दोस्त विपुल ने बताया- घटना के एक दिन पहले उसकी जवाहर नगर पुलिया पर उज्ज्वल से बात हुई थी। हंसी मजाक की बातों के बाद वो अपने हॉस्टल चला गया। मैं अपने हॉस्टल आ गया। सोमवार को उज्ज्वल की बहन खुशी का फोन आया था। इसके बाद मौके पर पहुंचा। हॉस्टल के बाहर भीड़ लगी थी। पुलिस की गाड़ियां खड़ीं थीं। ऊपर जाकर देखा तो रूम में उज्ज्वल फांसी पर लटका हुआ था।सुसाइड करने वाला तीसरा स्टूडेंट प्रणव वर्मा (17) मेडिकल की तैयारी कर रहा था, दो साल से कोटा में रह रहा था। अप्रैल से कुन्हाड़ी में लैंडमार्क सिटी स्थित हॉस्टल में रहता था। रविवार शाम को खाना खाया था। फिर अपने रूम में चावल लेकर गया। रात को करीब 9 बजे उसने परिवार से फोन पर बात की। इसके बाद उसने कब जहर खाया, किसी को पता नहीं चला। रात डेढ़ बजे हॉस्टल में रहने वाला दूसरा स्टूडेंट पानी भरने बाहर आया तो प्रणव गैलरी में अचेत पड़ा था। उसे हॉस्टल संचालक सहित अन्य को बताया। उसे इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल लाए। डॉक्टर ने चेक कर उसे मृत घोषित किया। पुलिस के मुताबिक प्रणव के कमरे से चूहे मारने की दवा मिली है। फिलहाल पुलिस ने रूम को सील किया है।इन तीनों सुसाइड में एक बात सामने आ रही है। तीनों ने सुसाइड से पहले परिजनों से बात की। हालांकि इस बारें में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन तीनों ने परिजनों से बातचीत में तनाव का कोई ज्रिक नहीं किया। उज्ज्वल और अंकुश बिहार के रहने वाले थे। तलवंडी इलाके के हॉस्टल की दूसरी मंजिल पर दोनों के कमरे थे। दोनों के कमरे भी पास-पास थे। दोनों ने एक दिन सुसाइड किया। इस घटना से सवाल उठ रहा है कि कहीं ये प्लांड सुसाइड तो नहीं है? सुसाइड से पहले क्या दोनों की आपस में बात हुई? दोनों ने अपने-अपने तनाव के बारें में एक दूसरे से चर्चा की?

पुलिस की जांच में भी लापरवाही

कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या की जांच में पुलिस भी लापरवाह बनी है। 3 महीने पहले सुसाइड करने वाले स्टूडेंट का सुसाइड नोट सामने आया था। बिहार में गया के रहने वाले 16 साल के अभिषेक ने सुसाइड नोट में लिखा था कि कुछ लोग उसे डिस्ट्रैक्ट कर रहे थे, ताकि वो क्लास अटेंड नहीं कर सके। वह खुद को फेल समझने लगा था। सुसाइड नोट में उसने डिप्रेशन की बात भी कही थी, लेकिन पुलिस अभी भी यह पता नहीं लगा पाई है कि उसे कौन डिस्ट्रैक्ट कर रहा था। हाल में गैपरनाथ में दो छात्रों की मौत के बाद प्रशासन ने कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए गाइडलाइन तय की थी। दरअसल, करीब 25 दिन पहले IIT और NEET की कोचिंग कर रहे दो स्टूडेंट की गैपरनाथ कुंड में डूबने से मौत हो गई। दोनों अपने एक और दोस्त के साथ घूमने गए थे। एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में दोनों पानी में डूब गए थे।

इस घटना के बाद तय हुआ था कि कोचिंग संस्थान बच्चों पर नजर रखेंगे। लगातार अनुपस्थित रहने वाले स्टूडेंट्स के परिजन को मोबाइल से SMS भेजा जाएगा। प्रशासन और थाने को सूचना देनी होगी। इन सुसाइड के मामलों में सामने आया कि कोचिंग इंस्टीट्यूट ने बच्चों के परिवार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।

 हॉस्टल में लगने थे एंटी सुसाइड पंखे

इससे पहले साल 2017 में तत्कालीन कलेक्टर रवि कुमार सुरपुर ने हॉस्टल संचालकों से मीटिंग कर सुसाइड रोकने पर सुझाव लिए थे। सुझाव के अनुसार हॉस्टल में एंटी सुसाइड फेन लगाए जाने थे। यानी पंखे में एक ऐसा उपकरण लगाया जाना था, जिसमें 20 किलो से अधिक वजन होने पर पंखा नीचे गिर जाए। सेंसर के कारण हूटर बजने से सभी को पता लग जाए। इसका डेमो भी दिया गया था।उस समय सभी हॉस्टल को चेक करवाया। टीम बनाई गई थी। ये योजना कलेक्टर रोहित गुप्ता के समय तक चली। इस दौरान टाटा रिचर्स इंस्टीट्यूट की एक टीम कोटा भी आई थी। उन्होंने भी सुझाव को कारगर माना था।

कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड

I am Failed… लिखकर कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड किया

करीब तीन महीने पहले नीट की तैयारी कर रहे कोचिंग स्टूडेंट अभिषेक ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। उसके पास से पुलिस को सुसाइड नोट मिला था। लिखा- I am Failed…आई एम सॉरी मम्मी-पापा। मैं पढ़ना चाहता था, लेकिन दिमाग पता नहीं कैसा हो गया। इधर-उधर की चीजें सोचता रहता हूं। मामला कोटा के बोरखड़ा में नया नोहरा इलाके का था।

कोटा में हॉस्टल की 5वीं मंजिल से कूदी थी छात्रा

एक साल पहले छात्रा ने हॉस्टल की 5वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। छात्रा शिखा यादव (17) कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही थी। 1 साल से कोटा में थी। एक दिन पहले ही पिता बेटी को अपने साथ ले जाने के लिए कोटा आए थे। इस बात को लेकर दोनों में मनमुटाव हो गया था। इसी से गुस्सा होकर छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी।

 पढ़ाई का तनाव में परिवार का साथ नहीं होना सबसे बड़ा कारण

कोटा मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर मनोचिकित्सक एवं न्यू मेडिकल हॉस्पिटल के पूर्व अधीक्षक डॉ सीएस सुशील ने बताया- स्टूडेंट्स में पढ़ाई के प्रति स्ट्रेस (तनाव) बढ़ता जा रहा है। ये सुसाइड का सबसे बड़ा कारण है। दूसरा परिवार के साथ नहीं रहना। परिवार से प्रोटेक्शन नहीं मिलने के कारण भी स्टूडेंट्स तनाव फील करते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। ताकि बिना तनाव के स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकें। सुशील ने बताया- पेरेंट्स जबरदस्ती बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेजे। कई पेरेंट्स की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं होती। जबरदस्ती उन्हें भेजने से बच्चे तनाव में आ जाते हैं। आनुवांशिकता भी एक कारण है। यानी परिवार में सुसाइड की हिस्ट्री है। किसी व्यक्ति ने पहले सुसाइड किया है तो उन बच्चों में सुसाइड के प्रति आकर्षण हो जाता है।

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