– हरियाणा गठन के बाद से आज तक बिजली का संकट बरकरार, पलायन कर गए अनेक लोग
रणघोष अपडेट. कुंड. रेवाड़ी
गांव कुंड में रेलवे स्टेशन पार बनी ढाणी व बस्ती में रह रहे ग्रामीणों का कसूर इतना है कि वे राजस्थान सीमा से सटे हुए हैं। रेलवे लाइन पार रहते हैं। इसलिए कोई अधिकारी किसी भी समस्या को लेकर उनकी सुध लेने नहीं आता है। सबसे बड़ी चुनौती बिजली की है जिसकी वजह से पीने के पानी का संकट बना हुआ है। इस बारे में ग्रामीणों ने निगम के एसई को पत्र लिखकर अपील की है कि वे मौके पर टीम भेजकर वास्तु स्थिति का जायजा ले। यहां बता दें कि इस लाइन पार क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित आदर्श राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भी स्थापित है जिसे जिले का सबसे सुंदर स्कूल होने का दो बार अवार्ड मिल चुका है। बिजली संकट का खामियाजा विशेषतौर से डिजीटल एजुकेशन में विद्यार्थियों को ज्यादा भुगतना पड़ रहा है।
ग्रामीण सुरेश कुमार पुत्र बनवारीलाल ठेकेदार, चंद्रपाल, गुगनराम, नरसिंह दत्त सैनी, सज्जन कुमार, राजपाल यादव, सत्यपाल यादव, मनमोहन कुमावत, रामस्वरूप, रामलाल कुमावत, सुरेश कुमार कुमावत, मेहरचंद, देवीदयाल, शिवशंकर पंच, लक्ष्मी नारायण, अशोक कुमार, महेंद्र कुमार, बनवारीलाल, मास्टर शयामलाल, मास्टर पुरुषोतम, मास्टर नरेंद्र यादव, मास्टर इंद्र सिंह, मास्टर बनवारीलाल ने बताया कि हमारे क्षेत्र की बिजली को हरियाणा गठन के बाद से आज तक घरेलु बिजली सिस्टम ने नहीं जोड़ा गया है। अभी तक टयूबवैल वाली बिजली सप्लाई से हमारे घरों को जोड़ा हुआ है। इस बारे में ग्रामीण अनेक बार पाली गोठडा स्थित पावर हाउस में अधिकारियों से शिकायत दर्ज करवा चुके हैं लेकिन उनका तबादला होते ही उनकी शिकायतें ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं।
हमारा जीना कोई जीना नहीं
ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि हम भी देश के नागरिक है। सरकार की नीतियों पर चलते हैं लेकिन सुविधा के नाम पर हमारे साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। हमारी सबसे बड़ी बिजली की है। बाकी आवश्यकताओं का होना नहीं होना बराबर है। बिजली नहीं आने से वाटर सप्लाई नही चलती। हमें पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। मेहमानों ने भी इसी वजह से आना छोड़ दिया है। उन्होंने एसई से अपील की है कि वे उनके कनेक्शन को घरेलु बिजली सप्लाई से जोड़ दे।