रेवाड़ी- महेंद्रगढ़- मेवात-झज्जर स्कूलों में इनेमल पेंट करने के नाम पर लाखों का खेल, शिक्षा अधिकारी- शिक्षक बने कमीशन एजेंट

मेवात में शिक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा लूटपाट


रणघोष अपडेट. चंडीगढ.रेवाड़ी

 सितंबर- अक्टूबर 2021 में रेवाड़ी व महेंद्रगढ़- मेवात- झज्जर जिले के सरकारी स्कूलों में सौंदर्यीकरण के नाम पर किए गए इनेमल पेंट के नाम पर गोलमाल का मामला प्रकाश में आया है। इस खेल में शिक्षा अधिकारी से लेकर उन स्कूलों के शिक्षक व मुखिया भी शामिल है जिन्होंने करवाए गए पेंट के नाम पर अच्छा खासा कमीशन वसूला है। इस पूरे मामले को दबाने में चंडीगढ़ मुख्यालय में कार्यरत कुछ अधिकारी भी शामिल है। सीएम विजिलेंस से अब इस मामले की जांच कराए जाने को लेकर कुछ शिक्षकों ने गुप्त तौर से पत्र भी लिखा है।

शिक्षा विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोहतक की एक फर्म को शिक्षा निदेशालय से स्कूलों के सौंदर्यीकरण व बेहतर शिक्षा का माहौल बनाने के उद्देश्य से इनेमल पेंट करवाने का काम मिला था। रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ के सरकारी स्कूलों में अक्टूबर 2021 के दरम्यान यह पेंट करवाया गया। बताया जा रहा है कि इसके लिए एक शिक्षा अधिकारी को प्रति स्कूल व प्राचार्य स्तर पर कमीशन तय हुआ। इसके बदले शिक्षा अधिकारी द्वारा इस फर्म की सरकारी स्कूलों से संपर्क कर उनके माध्यम से  पेंट करवाना था। इतना ही नहीं बड़ी चालाकी से इस फर्म को यह काम दिलवाने के लिए उसी फर्म से  अलग से दो अन्य फर्म की कोटेशन भी ली गईं। कमीशन के बदले स्कूल मुखिया का काम कमेटी में प्रस्ताव पारित कर इस फर्म को पेंट कराने का काम दिलवाना था। एक स्कूल में तकरीबन 3 लाख रुपए का पेंट का कार्य हुआ। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन सरकारी संस्थानों में पेंट को लेकर कब निविदाएं मांगी गईं कोई रिपोर्ट नहीं है। स्कूल की किस कमेटी ने किस आधार पर किसके नाम इनेमल पेंट करवाने की  प्रक्रिया को पूरा किया। कब पेंट करवाकर कितने दिनों में इस राशि को स्कूल ने ट्रांसफर किया। किस खाते से कितनी राशि ट्रांसफर हुई की जांच होने पर इस घोटाले का सच सामने आ जाएगा।

  मेवात में शिक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा लूटपाट

कुछ अधिकारियों ने भी माना की मेवात में पिछले कुछ सालों से  शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार अलग से स्पेशल फंड की व्यवस्था में भी काफी गोलमाल की खबरें आ रही हैं। इसमें विशेष तौर से  स्कूलों में ड्रेस बांटना, इंफ्रा स्ट्रक्चर मेडि क्लेम पास कराने के नाम पर व एजेंसी के माध्यम से नौकरी लगाने की एवज में सेवा शुल्क खुलेआम लिया जा  रहा है। इतना ही नहीं शिक्षक एवं कर्मचारियों को सस्पेंड करके तुंरत बहाल करने के नाम पर अलग से वसूली की जाती है। सरकारी गाड़ी का जमकर इधर उधर दुरुपयोग हो रहा है। कुछ माह पहले मेवात में नियुक्त हुए जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है। अगर वे कार्रवाई नहीं करते हैं तो उन पर उंगली उठना लाजिमी है।

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