विरोध के चलते जमीन पर कब्जा लेने गई नगर परिषद की टीम लौटी बैरंग

–उयूटी मजिस्टे्रट ने दिया आठ फरवरी तक का समय


रणघोष अपडेट. नारनौल, (रामचंद्र सैनी)


नारनौल के महता चौक के पास बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सामने कथित रूप से नगर परिषद की जमीन पर कब्जा लेने गई नप  अधिकारियों की टीम कब्जाधारियों के विरोध के चलते बिना कब्जा लिये ही बैरंग लौट गई। ड्यूटी मजिस्टे्रट नायब तहसीलदार रतनलाल के नेतृत्व में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी केके यादव, पालिका अभियंता अंकित कुमार, जेई दीपक कुमार व विकास शर्मा, पटवारी दर्शन लाल आदि नप अधिकारियों की टीम दोपहर करीब 12 बजे  उपरोक्त स्थल पर एक जमीन का कब्जा लेने के लिए पहुंची। तीन जेसीबी, फायर बिग्रेड तथा भारी पुलिस बल को देखकर कब्जा कार्रवाई शुरू होने से पहले ही मौके पर भारी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। जैसे ही नगर परिषद के अधिकारियों की टीम ने कब्जा कार्रवाई शुरू की तो जमीन पर कई सालों से काबिज चले आ रहे लोग अपने परिजनों सहित आ गए और कब्जा कार्रवाई का विरोध किया। पुलिस बल ने विरोध करने वालों को मौके से हटाने का प्रयास किया लेकिन विरोध करने वालों की संख्या अधिक होने के कारण कब्जा कार्रवाई को बीच में रोकना पड़ा। नगर परिषद की कार्रवाई का विरोध करने वाले कब्जाधारी रिटायर्उ कैप्टन सरदार कृपाल सिंह व उनके परिजनों ने ड्यूटी मजिस्टे्रट के सामने पहले अपना पक्ष रखने और कागज दिखाने के बाद ही कब्जा कार्रवाई शुरू करनी की बात कही। जिस पर पुलिस कर्मी व नगर परिषद की टीम के सदस्य भी सहमत हो गए।ड्यूटी मजिस्टे्रट नायब तहसीलदार रतनलाल के समक्ष रिटायर्ड कैप्टन सरदार कृपाल सिंह ने कागजात दिखाते हुए कहा कि उनका इस जमीन पर 1947 से कब्जा है। 11 सितंबर 1959 को सरदार अर्जन सिंह ने कस्टोडियन विभाग से इसे अपने नाम अलाट करवा लिया था। अलाटमेंट खिलाफ उन्होंने अर्जन सिंह से अदालत में केस लडा और 1969 में अदालत के माध्यम से वे इस जमीन के मालिक हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपनी इस जमीन पर चार दीवारी भी की थी। नगर परिषद के खसरा टाउन में इस जमीन की मालिक कस्टोडियन दर्ज था जिसे नगर परिषद के अधिकारियों ने वर्ष 2005 में रिकार्ड में गलत तरीके से कटिंग करके नगर परिषद की दिखा दी। कटिंग के रिकार्ड कब्जाधारियों ने ड्यूटी मजिस्टे्रट को दिखाया। वहीं मौके पर कब्जा लेने गए नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी केके यादव ने बताया कि जिला नगर आयुक्त के आदेशों पर वे नगर परिषद की इस जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे थे। केके यादव ने बताया कि नगर परिषद के खसरा टाउन प्लान के रिकार्ड में 4037 नंबर पर यह जमीन नगर परिषद की दर्ज है और इसका कुल रकबा 1495 वर्ग मीटर है। इस जमीन पर पर कब्जा लेने से पूर्व कब्जा धारियों को नोटिस जारी कर दिया गया था। नोटिस के जवाब मिले लेकिन उन्हें दफतर दाखिल करते हुए उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही वे नगर परिषद की टीम कब्जा लेने आई थी जिसमें कब्जाधारियों ने अडचन पैदा करते हुए कानून की अवहेलना करने का प्रयास किया है। इसके बारे में जिला नगर आयुक्त को रिपोर्ट पेश की जाएगी और जैसा उनका आदेश होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस जमीन के संबंध में अदालत में नगर परिषद के पूर्व अधिकारियों ने भी गलत तथ्य अदालत में पेश किए थे उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में ड्यूटी मजिस्टे्रट नायब तहसीलदार रतनलाल बोले कि आज की कब्जा कार्रवाई के दौरान कब्जाधारियों ने जो कागज दिखाये है वो नाकाफी है। नगर परिषद ने जो कागज दिखाये है उनमें एक दो कागज कम होने की वजह तथा कब्जाधारियों की अडचन के कारण फिलहाल इस कब्जा कार्रवाई को आठ फरवरी तक रोका गया है। आठ फरवरी के बाद इस कब्जा कार्रवाई पूरी तैयारी के साथ दोबारा किया जाएगा।

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