शहर में पार्षद की देखरेख मे हो रहा अतिक्रमण

सैयद सराय में दो सालों से सरकारी गली पर लोहे का  गेट लगा कब्जा किया


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी


नगर परिषद की मीटिंग में अतिक्रमण एवं अवैध कब्जों को लेकर अधिकारियों पर हमला करने वाले पार्षदों में कुछ अपनी देख रेख में ही वोटों की राजनीति के लिए सार्वजनिक तौर पर अवैध कब्जा करा रहे हैं। शहर के मोहल्ला सैयद सराय, नजदीक कृष्ण मंदिर के पास से गुजर रही सरकारी गली पर पिछले दो सालों से कुछ लोगों ने मिलकर लोहे का गेट लगाकर बंद किया हुआ है। मजाल पार्षद ने उसे खुलवाने का प्रयास किया हो। इतना ही नहीं यह गेट 24 घंटों में कुछ लोगों की अपनी सुविधा के हिसाब से खुलता है। यह सरकारी गली आस पास के मोहल्लों को जोड़ती है। इसके बंद रहने से अन्य मोहल्ले वालों को इधर उधर होकर जाना पड़ता है। यह अवैध कब्जा बताने के लिए काफी है कि शहर में अतिक्रमण जिसकी लाठी उसकी भैस के हिसाब से किया जा रहा है। इस मोहल्ले से पार्षद श्याम चुघ नगर परिषद के उपप्रधान भी है। वे वोटों की राजनीति के चलते इस अवैध कब्जे को हटाने की बजाय चुप रहने में समझदारी समझते हैं। यहां आस पास रहने वाले लोगों का कहना है कि कोरोना के समय यह गेट लगाया गया था। किसी भी नप अधिकारी ने यह जानने का प्रयास भी नहीं किया कि किसकी अनमुति से इस तरह गेट लगाकर  कब्जा किया जा रहा है। अगर इसी तरह चलता रहा तो आने वाले दिनों में अन्य मोहल्ले के लोग भी सरकारी गलियों पर गेट लगाकर अपनी सुविधा के हिसाब से उसे बंद या खोलते रहेंगे। इससे पूरी तरह अव्यवस्था की स्थिति बन जाएगी। इस गली पर गेट लगने से दोनों तरफ लोगों ने इस सड़क को पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। आमतौर पर इस तरह के गेट शहर के सेक्टरों एवं निजी आवासीय सोसायटी में लगाए जाते हैं उसके लिए बकायदा प्रस्ताव पारित कर अनुमति दी जाती है। यहां तो गेट लगाने वालों ने अपनी मर्जी से कानून बना रखा है। इतना सबकुछ सार्वजनिक होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होना सीधे तौर पर पार्षदों एवं अधिकारियों की कार्यप्रणाली एवं कथनी- करनी पर सवाल खड़े करता है।

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