श्रम बजट से 15 प्रतिशत अधिक उपलब्ध कराएं गए मनरेगा के तहत रोजगार: सीईओ

MANREGA (2) MANREGA (3)

कोरोना काल के दौरान जहां निजी क्षेत्र में कामकाज ठप्प होने से एक के बाद एक युवाओं की नौकरियां खत्म हो रही थी, ऐसे समय में प्रदेशर सरकार की ओर से ग्रामीणों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने का विजन काफी सफल रहा। जिला प्रशासन की ओर से पिछले वर्ष के मुकाबले डेढ गुणा काम उपलब्ध कराकर एक नया कृतिमान स्थापित किया। इस तरह से हजारों लोगों के हाथों में सीधे करोड़ो रूपए से अधिक की रकम पहुंची है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न विभागों की सहायता ली गई और नए-नए काम शुरू कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया, जबकि इससे पहले केवल पंचायती राज विभाग के तहत आने वाले तालाब व जोहड़ की खुदाई रास्तों में मिट्टïी डालने जैसे कुछ कार्य ही होने से बहुत कम रोजगार सर्जन होन पाते थे। लॉकडाउन के कारण महानगरों में काम नहीं रहा बेराजेगारी के इस दौर में प्रदेश सरकार की ओर से मनरेगा के तहत लोगों को घर के पास ही रोजगार उपलब्ध करवाने की योजना शुरू की। पहले काम मनरेगा के तहत कुछ सीमित कार्य होते थे वहीं कोरोना काल के तहत  मनरेगा स्कीम के तहत करवाने के निर्देश हुए।

क्या है मनरेगा

मनरेगा का पुरा नाम महात्मा गांधी राष्टï्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है, जो वर्ष 2005 में अस्तित्व में आया। हरियाणा में इसकी शुरूआत वर्ष 2006 में हुई तथा वर्ष 2008 में पूरे प्रदेश को इसके दायरे में लाया गया। इसके तहत एक परिवार को 100 दिन का रोजगार की गांरटी देता है जो स्वेच्छा से अकुशल कार्य करना चाहते है।

कैसे मनरेगा के तहत हासिल करें काम:

मनरेगा के तहत काम करने के लिए जॉब कार्ड बनवाना होता है इसके लिए आवेदक को एक फोटो, नाम, पता, आयु, आधार कार्ड, खाता संख्या आदि दस्तावेज के साथ आवेदन करना होता है। जॉब कार्ड बनने के बाद प्रार्थी द्वारा कार्य की मांग की जाती है। मांग के 15 दिन के अंदर-अंदर प्रार्थी को कार्य प्रदान किया जाता है।

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