सांसद निधि के पैसे वित्त मंत्रालय ने कहाँ ख़र्च किए, इसका पता ही नहीं!

सांसद निधि यानी एमपी स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीएलएडी) योजना पर कोरोना काल में कितने ख़र्च किए गए इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय को भी नहीं है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय इस सांसद निधि की निगरानी करता है और इसका कार्यान्वयन करता है। इसी मंत्रालय ने लोकसभा को एक लिखित जवाब में बताया है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि एमपीएलएडी फंड यानी सांसद निधि को कोविड वर्षों- 2020-21 और 2021-22 के दौरान कैसे ख़र्च किया गया था। उसे यह भी जानकारी नहीं है कि क्या उनका पूरी तरह से उपयोग किया गया या नहीं। एमपीएलएडीएस (एमपीलैड्स) एक केंद्र सरकार की योजना है जो सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और सड़कों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए दी जाती है। प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र को सालाना 5 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं जो 2.5 करोड़ रुपये की दो किस्तों में जारी किए जाते हैं। कोरोना काल के दौरान सांसद निधि काफी चर्चा में रही थी। ऐसा इसलिए कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से 2020 में सांसद निधि पर रोक लगा दी गई थी। वर्ष 2021 के आख़िर में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि सांसद निधि को फिर से बहाल कर दिया है। यह निधि वित्तीव वर्ष 2021-22 के लिए बचे हुए हिस्से के लिए बहाल किया गया था और कहा गया था कि 2025-26 तक जारी रहेगी। सरकार ने कहा था कि 2021-22 की सांसद निधि के लिए प्रत्येक सांसद को 2-2 करोड़ रुपए की किश्त आवंटित की जाएगी। इसके बाद हर साल ढाई-ढाई करोड़ रुपए की दो किस्तें जारी की जाएंगी।बहरहाल, इसी सांसद निधि को लेकर अब सरकार से सवाल पूछा गया था कि आख़िर कोरोना काल में सांसद निधि का कितना इस्तेमाल किया गया। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार बसपा सांसद श्याम सिंह यादव के एक सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने कहा कि सांसद निधि ‘स्वास्थ्य और समाज पर कोविड -19 के प्रतिकूल प्रभावों के प्रबंधन के लिए वित्त मंत्रालय के अधीन रखा गया था’। इसमें कहा गया है कि मंत्रालय के पास ‘इस बारे में कोई डेटा या विवरण नहीं है कि इन फंडों का उपयोग किन उद्देश्यों के लिए किया गया है या क्या इसका कोई हिस्सा बिना इस्तेमाल का रहा है’।यादव के सवाल के जवाब में सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा है कि 2019-20 में पूरा सांसद निधि उपलब्ध कराया गया था और कुछ भी निलंबित नहीं किया गया था। 2020-21 में प्रति सांसद 5 करोड़ रुपये का पूरा सांसद निधि निलंबित कर दिया गया था और कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया था। 2021-22 में एमपीलैड्स फंड यानी सांसद निधि आंशिक रूप से जारी किया गया था और प्रति निर्वाचन क्षेत्र में 2 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *