हरियाणा, फतेहाबाद के अभिनव सिवाच का यूपीएससी में 12वां रैंक

कहां एसडीएम की नौकरी में थक जाता था, फिर भी डेली 7-8 घंटे पढ़ाई की


 रणघोष अपडेट. देशभर से 

हरियाणा के अभिनव सिवाच ने यूपीएससी की परीक्षा में 12वां रैंक हासिल किया है। अभिनव सिवाच हिसार के सेक्टर 16 में रहते हैं, परंतु मूल रूप से फतेहाबाद के गोरखपुर गांव के हैं। अभी वे दिल्ली साउथ एसडीएम हैं। अभिनव ने पहले दिल्ली अंडमान-निकोबार लक्षद्वीप दमनद्वीप दादरा नागर हवेली सिविल सर्विस (DANICS) में 16वां रैंक हासिल किया था, परंतु वे IAS बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और 12वां रैक हासिल किया।

दैनिक भास्कर के अनुसार अभिनव ने कहा कि एसडीएम होते हुए परीक्षा की तैयारी की। उसे खुद भी विश्वास नहीं था कि वह ये रैंक हासिल करेंगे। नौकरी करते हुए काम की थकान के कारण वे निराश हो जाते थे। मन तैयारी करने को नहीं करता था। मम्मी-पापा की मोटिवेशन से फिर तैयारी करने बैठ जाता।ठान लिया था कि अब आईएएस ही बनना है। आज सुबह जब रिजल्ट आया तो विश्वास नहीं हुआ कि यह रैंक मिला है। मम्मी पापा की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।

मेरी प्राथमिकता हरियाणा कैडर
अभिनव सिवाच ने कहा कि रैंक अच्छा मिलने के कारण अबकी बार हरियाणा कैडर मिलने के आसार हैं। उसकी प्राथमिकता हरियाणा कैडर की ही है। अभिनव ने कहा कि एसडीएम की नौकरी के दौरान भी मेरी यही प्राथमिकता रही कि लोगों का जल्द से जल्द काम हो सके।

अब IAS बनने के बाद भी उसका यही लक्ष्य रहेगा कि जो भी व्यक्ति फरियाद लेकर आए, उसका काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। अभिनव ने कहा कि UPSC की तैयारी में वह 7 से 8 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई करते थे।

अभिनव ने कहा कि अभी IAS बना हूं। पहले ट्रेनिंग होगी और फिर नौकरी पर पूरा फोकस करना है। उस दौरान कोशिश रहेगी कि लोगों के लिए जो सोचा है, वह काम कर सकूं। उसके बाद आने वाले दो से तीन साल बाद शादी करूंगा।

पिता गुरुग्राम में डीईटीसी, परिवार के पहले आईएएस
अभिनव सिवाच के रिश्तेदारी में ताऊ सोनीपत के डीसी ललित सिवाच हैं। अभिनव की चचेरी बहन निधि सिवाच जज हैं। उनके एक चाचा धर्मपाल सिवाच भी हिसार नगर निगम में हैं। खुद अभिनव के पिता डीईटीसी गुरुग्राम हैं। अभिनव परिवार और अपने गांव गोरखपुर के पहले युवक हैं, जो कि आईएएस बने हैं। छोटा भाई अक्षत भी सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है।

प्राइवेट सेक्टर में भी की नौकरी
अभिनव सिवाच ने बताया कि 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से पास आउट हुए। इसके बाद 2018 में IIM कलकत्ता से एमबीए की। इसके बाद प्राइवेट सेक्टर में कंसल्टेंट की नौकरी की। 2020 में दानिक्स सर्विस में चयन हुआ।

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