हाईवे, एक्सप्रेस के बाद अब पानी पर दौड़ेगा UP, जलयान पर होगी यात्रा, माल ढुलाई, तरक्की की रफ्तार होगी तेज

नई दिल्‍ली. उत्‍तर प्रदेश में सड़कों का तेजी से जाल बिछाया जा रहा है. राज्‍य में 13 एक्‍सप्रेसवे बन रहे हैं, जिन्‍में से 6 बनकर तैयार हो गए हैं. सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही यूपी सरकार की योजना अब प्रदेश की नदियों के माध्‍यम से भी राज्‍य के एक हिस्‍से से दूसरे हिस्‍से को जोड़ने की है. इन नदियों का इस्‍तेमाल अंतर्देशीय जलमार्ग के तौर पर करने की योजना को सिरे चढ़ाने के लिए अब अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण स्‍थापित किया जाएगा. जलमार्ग प्राधिकरण में परिवहन, सिंचाई और पर्यटन विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. संभावित जलमार्गों के सर्वेक्षण का काम परिवहन विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया है.

प्रदेश की नदियों के जलमार्ग के रूप में बदलने से न केवल मालढुलाई के लिए एक नया विकल्‍प मिलेगा साथ ही लोगों को भी एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक आने-जाने के लिए एक नया परिवहन विकल्‍प मिल जाएगा. साथ ही इससे राज्‍य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की पूरी उम्‍मीद है.

आठ नदियों का होगा इस्‍तेमाल
समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार फिलहाल आठ नदियों को अंतर्देशीय जलमार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने और इसके लिए एक अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यमुना, गोमती, अस्सी, घाघरा, राप्ती, बेतवा, चंबल और वरुणा सहित आठ नदियों को माल ढुलाई और परिवहन के लिए जलमार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का इरादा है.

मैरीटाइम इंडिया विजन को मूर्तरूप देने की तैयारी
यह कदम मैरीटाइम इंडिया विजन (MIV)-2030 का हिस्सा है, जिसमें 2030 तक अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) की हिस्सेदारी को पांच प्रतिशत तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है. भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम पहले ही शुरू हो चुका है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार का लक्ष्य इस योजना को बढ़ावा देना है. राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया, ‘‘हम नदियों को जनता के लिए और अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास कर रहे हैं. जलमार्ग विकसित करने की योजना इसी दिशा में एक कदम है.”

जल परिवहन सबसे किफायती साधन
भारत सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्‍लूटी) परिवहन का सबसे किफायती साधन है. विशेष रूप से कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट, खाद्यान्न और उर्वरक जैसे थोक सामानों की ढुलाई के लिए. सिंह ने कहा, “हम उत्तर प्रदेश में जलमार्गों को मजबूत करने और उनका विस्तार करने के लक्ष्य को साकार करने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं.”

 

 

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