रेलवे पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर रघुबीर सिंह सुसाइड केस में अंबाला रेलवे SP संगीता कालिया सहित 6 पुलिस कर्मचारियों पर मामला दर्ज कर लिया है। रघुबीर सिंह ने बीते शुक्रवार को रेल के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। एफआईआर कॉपी हाथ में आने के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने सोमवार को उसके शव का दाह संस्कार किया। ग्रामीण कई दिन से आंदोलनरत थे और अंतिम संस्कार न करने पर अड़े थे।
रेलवे पुलिस ने मृतक रघुबीर सिंह के साले सुबे सिंह की बयान पर अंबाला रेलवे एसपी संगीता कालिया, डीएसपी गुरदयाल सिंह, एसआई कश्मीर सिंह, ईएसआई महेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार के खिलाफ धारा 306, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। इन पर आरोप है कि इनकी प्रताड़ना से तंग आकर रघुबीर ने सुसाइड किया था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सुबे सिंह ने बताया कि उसका जीजा रघुबीर सिंह हरियाणा रेलवे पुलिस से रिटायर्ड कर्मचारी है। उसके जीजा उसे बताते थे कि हेड कांस्टेबल सुरेंद्र उससे रजिंश रखते थे। इस रजिंश के चलते हुए पुलिस कर्मचारी सुरेंद्र व महेंद्र ने एसएचओ नरेश से एक झूठी रिपोर्ट तैयार करके और डीएसपी जीआरपी हिसार से फारवर्ड करवारकर 14 जुलाई 2022 को बुधदेव रीडर को दी। इस पर उसके जीता रघुबीर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया।उसने बताया कि एसपी संगीता कालिया सहित 6 पुलिस कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ित करने व झूठे केस में फंसाने से परेशान होकर उसके जीजा रघुबीर सिंह ने रेल के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया। इस दौरान पुलिस को सुसाइड नोट मिला था।
सुसाइड नोट में ये लिखा
रिटायर्ड इंस्पेक्टर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके विभाग के दो कर्मचारियों ने उसके गांव के सुखबीर व मांगीलाल से रिश्वत के पैसे खाए थे। जो कि उसने दोनों को वापस दिलवा दिए। इसी बात को लेकर दोनों उससे रंजिश रखते थे। 13 जुलाई 2022 को रेलवे के दो पुलिस कर्मचारियों ने एक झूठी रिपोर्ट करवाई। इसे 14 जुलाई को डीजीपी के रीडर से फॉरवर्ड करवा दिया।24 जुलाई 2022 को उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। जिसमें 27 जुलाई 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।10 अगस्त 2022 को उसे चंडीगढ़ तबादला कर दिया। इसके बाद पांच महीने बाद वह वापस हिसार आ गया। करीब पांच महीने बाद 13 जनवरी 2023 को उसकी विभागीय जांच करवा दी। जबकि वह रिटायरमेंट के नजदीक था।
इसी दौरान उसने एक गुमनाम चिट्टी हरियाणा के होम मिनिस्टर और डीजीपी को भेज दी, क्योंकि रेलवे ने एक जाति विशेष के लोगों को ही उच्च पदों पर लगाया गया था। उच्च अधिकारी सहित 6 कर्मचारी मौत के लिए जिम्मेदार हैं। इसके बाद उसने एक गुमनाम चिट्ठी अपनी साली के लड़के से भिजवा दी। इसके बाद रेलवे की आईपीएस अधिकारी ने उसके खिलाफ जाति सूचक शब्द का मामला दर्ज करवा दिया। जो कि झूठा था। इसके बाद उसे लगातार प्रताड़ित किया गया। इसलिए मेरी मौत का जिम्मेदार रेलवे विभाग के उच्च अधिकारी सहित करीब 6 कर्मचारी है।