2024 के चुनाव से पहले नितिन गडकरी के जीवन पर फिल्म, मायने क्या हैं?

रणघोष अपडेट. देशभर से 

2019 के चुनाव से पहले एक फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ आई थी। अब 2024 के चुनाव से पहले फ़िल्म ‘गडकरी’ आई है। 2019 वाली फिल्म पीएम मोदी के जीवन पर आधारित थी तो नयी वाली केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जीवन पर। इन दोनों फ़िल्मों में कई समानताएँ हैं तो कई विभिन्नताएँ भी हैं।वैसे, नितिन गडकरी की फिल्म का आना चौंकाने वाला है, खासकर, इसलिए कि पिछले एक साल से ज़्यादा समय से ऐसी ख़बरें आती रही हैं कि बीजेपी में उनको दरकिनार किया जा रहा है और गडकरी के भी कुछ खरे-खरे बयान आते रहे हैं। चौंकाने वाली दूसरी बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में किसी बीजेपी नेता और वह भी उनकी ही कैबिनेट के किसी मंत्री की बायोपिक बन गई और रिलीज भी होने वाली है। क्योंकि माना जाता है कि मौजूदा समय में ऐसा कोई सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को ही दिया जाता रहा है। तो सवाल है कि गडकरी पर बायोपिक के मायने क्या हैं? क्या राजनीति में उनका क़द बड़ा करने की तैयारी है या फिर कुछ फिल्मकारों की एक फिल्म बनाने की दिलचस्पी भर?इन सवालों के जवाब से पहले यह जान लीजिए कि नितिन गडकरी जब तब सुर्खियों में क्यों आते रहे हैं। वह हाल के महीनों में खरी-खरी बातें कहने के लिए सुर्खियों में रहे हैं। क़रीब एक पखवाड़े पहले ही लोकसभा चुनाव को लेकर उनके दिये गये बयान ने काफी सुर्खियाँ बटोरी थीं। 

गडकरी ने कहा था कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में कोई बैनर-पोस्टर नहीं लगवाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं चुनाव में किसी को चाय-पानी भी नहीं पिलाऊंगा। उन्होंने कहा कि मैं यह सब नहीं करुंगा जिसे वोट देना है आकर देगा, जिसको नहीं देना है वह नहीं देगा। उनके इस बयान को पार्टी से उनकी दूरी के संकेत तौर पर समझा गया। इससे पहले जुलाई में गडकरी ने एक कार्यक्रम में एक किस्सा सुनाते हुए कहा था कि उन्होंने एक बार चुनाव में मतदाताओं को एक किलो मटन उपलब्ध करवाया था, इसके बावजूद वह चुनाव हार गये थे। पिछले साल नवंबर में तब बीजेपी से उनकी दूरी को लेकर बड़े कयास लगाए गए थे जब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जमकर तारीफ़ कर दी थी। गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘उदार अर्थव्यवस्था के कारण देश को नई दिशा मिली, उसके लिए देश मनमोहन सिंह का ऋणी है।’ उन्होंने कहा था कि मनमोहन सिंह के द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की वजह से ही वह महाराष्ट्र में मंत्री रहते हुए सड़कों के निर्माण के लिए धन जुटा सके। पिछले साल अगस्त में बीजेपी आलाकमान ने गडकरी को तगड़ा झटका दिया था। तब गडकरी को बीजेपी संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया। उनको केंद्रीय चुनाव समिति में भी कोई जगह नहीं मिली। तब देवेंद्र फडणवीस का कद बढ़ाकर उन्हें केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया गया।बीजेपी के इस फ़ैसले के बाद एक कार्यक्रम में गडकरी का एक बयान बेहद चर्चा का विषय रहा था। तब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के एक कथन का हवाला देते हुए गडकरी ने कहा था कि कोई शख्स तब खत्म नहीं होता, जब वह हार जाता है बल्कि तब खत्म हो जाता है जब वह लड़ना छोड़ देता है।

अब गडकरी अपनी बायोपिक की वजह से सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र में 27 अक्टूबर को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की मराठी बायोपिक रिलीज होने वाली है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गडकरी के गृह नगर नागपुर में ट्रेलर को रिलीज किया गया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में और स्थानीय पार्टी विधायकों सहित नागपुर से भाजपा की स्टार ब्रिगेड बड़ी संख्या में मौजूद थी। हालाँकि इसमें न तो गडकरी मौजूद थे और न ही कोई अन्य गैर-नागपुर का महत्वपूर्ण भाजपा नेता।फिल्म गडकरी फिल्म निर्माता अनुराग राजन भुसारी द्वारा लिखित और निर्देशित है। राहुल चोपड़ा जहां गडकरी का किरदार निभा रहे हैं, वहीं ऐश्वर्या डोर्ले उनकी पत्नी कंचन गडकरी के किरदार में हैं।अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार गडकरी के एक सहयोगी का दावा है कि पहले वह इस विचार को लेकर अनिच्छुक थे, लेकिन फिल्म निर्देशक और निर्माता के समझाने के बाद उन्होंने हामी भर दी। रिपोर्ट के अनुसार गडकरी के सहयोगी ने कहा कि नागपुर कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुपस्थित थे क्योंकि वह फिल्म से जुड़े नहीं हैं।रिपोर्ट के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू होने के बीच गडकरी की फ़िल्म की रिलीज के समय के बारे में भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि फिल्म की परिकल्पना और निर्माण 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ही कर लिया गया था। लेकिन इसे अस्पष्ट कारणों से रोक दिया गया था।’ रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ सूत्रों ने कहा कि फिल्म में कुछ संशोधनों की ज़रूरत थी। कुछ सूत्रों ने कहा कि उस समय लॉन्च होने पर पीएम मोदी की बायोपिक से टकराव होता। बता दें कि मई 2019 में रिलीज़ हुई पीएम मोदी की बायोपिक फ़िल्म का बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा ख़ूब प्रचार-प्रसार किया गया था। हालाँकि गडकरी की बायोपिक फिल्म के साथ ऐसा नहीं है। पीएम मोदी वाली बॉलीवुड फिल्म थी और पूरे देश में रिलीज हुई थी, जबकि गडकरी की बायोपिक मराठी में है।

3 thoughts on “2024 के चुनाव से पहले नितिन गडकरी के जीवन पर फिल्म, मायने क्या हैं?

  1. Wow, incredible blog layout! How lengthy have you been blogging for?
    you make running a blog glance easy. The overall glance of your site is magnificent,
    as smartly as the content material! You can see similar here
    dobry sklep

  2. Hi! Do you know if they make any plugins to assist with SEO?
    I’m trying to get my website to rank for some targeted keywords but I’m not seeing very good success.
    If you know of any please share. Thanks! I saw similar text here:
    GSA Verified List

  3. Wow, amazing blog structure! How lengthy have you been running
    a blog for? you made blogging glance easy. The entire glance of your website is wonderful, as well
    as the content material! You can see similar here sklep online

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *