25 जनवरी को रेवाड़ी पहुँचेगी स्वर्णिम विजय वर्ष की मशाल

दिसंबर 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी सेना पर निर्णायक और ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिससे बांग्ला देश राष्ट्र का निर्माण हुआ और परिणामस्वरुप द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा सैन्य आत्म समर्पण हुआ। 16 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय में स्थित अनंत मशाल से चार स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्वलित की गयी और स्वर्णिम विजय वर्ष के पर्व की शुरुआत की गई। उत्सव के रूप में यह मशाल पूरे भारत वर्ष के विभिन्न कस्बों एवं गांवों जिनमें 1971 के वीरता सम्मान विजेताओं के गांव भी शामिल हैं, में ले जाई जा रही है। जिसमें रेवाड़ी जिला में बड़ी संख्या में सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिक हैं, जिनमें एक महावीर चक्र विजेता, एक वीर चक्र और अन्य कई वीर सैनिक हैं।

1971 के युद्ध में इस पावन भूमि के अपार योगदान के लिए गौरवान्वित होते हुए, 25 जनवरी 2021 को रेवाड़ी इस मशाल का स्वागत करेगा। रेवाड़ी के सभी वीर सैनिकों के लिए यह गर्व का दिन होगा। इस उपलक्ष में डॉट ऑन टारगेट डिवीजन द्वारा भारतीय सेना की तरफ से 25 जनवरी 2021 को सम्मान प्राप्त सैनिक और उनके आश्रितों के लिए (कोविड-19 को मद्देनजर रखते हुए) एक छोटे स्तर पर सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।

इस सम्मान के माध्यम से पैटी अफसर (सेवानिवृत्त) चिमन लाल महावीर चक्रजिन्होंने मुक्ति वाहिनी नेवल कमांडो को ट्रेनिंग दी और ऑपरेशन जैकपॉट में भाग लिया इस दौरान गोली लगने के बाद भी पीडि़त स्थिति में भी अपने कार्य को बहादुरी से पूरा किया, इनके साथ अन्य सभी वीरों की गाथा रेवाड़ी और देश के युवाओं को हमेशा अपने कर्तव्य को निष्ठा एवं ईमानदारी से निभाने के लिए प्रेरित करेगी।