3 हजार आबादी वाले सीवान के इस गांव में नहीं एक भी इंसान, जानिए कैसे हुआ वीरान

रणघोष खास : रिपोर्ट: अंकित कुमार सिंह


बिहार के एक ऐसे अजूबे गांव की बात करने जा रहे हैं, जिसकी कहानी फिल्म मिस्टर इंडिया जैसी है. आपको सुनकर थोड़ा आश्चर्य जरूर हुआ होगा कि कोई गांव अजूबा और मिस्टर इंडिया कैसे हो सकता है.
सीवान के दरौंदा प्रखंड स्थित बगौछा खुर्द गांव तो है, लेकिन इस गांव में एक भी इंसान नहीं है. जहां वर्षों पहले इंसानों की बस्तियां हुआ करती थी. वर्तमान में वहां खेत, जंगल, झाड़ी उग आया है. गांव का नाम सुनकर लोग भटकते हुए चले जाते हैं. लेकिन उन्हें गांव तो मिलता है पर उन्हें इंसान से मुलाकात नहीं हो पाती है.


3 हजार की संख्या में लोग करते थे निवास


स्थानीय लोगों की माने तो बगौछा खुर्द गांव की आबादी सौ साल पूर्व 3 हजार थी. यह बहुत ही समृद्ध इलाका हुआ करता था. यहां बड़ी-बड़ी इमारतें हुआ करती थी. सेठ-साहूकार के साथ दोनों समुदाय के भी लोग यहां निवास करते थे. यहां की धरती काफी उपजाऊ थी. यहां सर्वाधिक मात्रा में खेती होती थी. उस समय वगौछा खुर्द गांव में जाने के लिए कच्ची सड़क थी, सड़के आज भी मौजूद है और उससे सरकारी योजना के तहत ईंट से तैयार कर दिया गया है.
68 वर्षीय गौतम पांडेय बताते हैं कि 100 वर्ष पहले यहां लोग निवास करते थे. हालांकि लोग किस वजह से यहां से प्रवास कर कहां चल गए इसकी जानकारी नहीं मिली है. उन्होंने आगे बताया कि बगौछा खुर्द गांव तो है, सब सरकारी काम भी होता है. नक्शा भी है, सरकारी कागजातों में भी अंकित है. लेकिन उक्त गांव में इंसान नहीं है. जोताई एवं खुदाई के दौरान कई पुरातात्विक साक्ष्य भी मिलते हैं. जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां लोग रहते थे. उनके पूर्वज भी इसकी जानकारी देते हैं.


एक ही नाम के दो गांव


गौतम पांडेय कहते हैं कि बगौछा और बगौछा खुर्द नाम के दो गांव है. दोनों गांव आज भी अस्तित्व में है. बगौछा में आज भी हजारों की आबादी है. हालांकि बगौछा खुर्द के लोग यहां से प्रवास कर गए. अधिकांश लोग गलतफहमी के शिकार होकर बगौछा जाने के बजाय बगौछा खुर्द पहुंचकर असमंजस में पड़कर भयभीत हो जाते हैं. क्योंकि बगौछा खुर्द आज भी वीरान पड़ा है.
आने वाले वक्त में पुनः बसेगा बगौछा खुर्द गांव

विनय पांडेय बताते हैं कि बगौछा खुर्द गांव तो वीरान पड़ा है, जहां हस्ते खेलते इंसानों की बस्तियां बसी थीं. वहां खेत खलिहान व बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी पड़ी हैं. हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही बगौछा खुर्द गांव पुनः बसेगा और एक बार फिर यहां इंसानों की चहलकदमी बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि अभी तो एक भी मकान नहीं बना है, लेकिन कुछ ही दिनों में मकान बनना शुरू हो जाएंगे.
क्रेडिट न्यूज़ 18 इंडिया

One thought on “3 हजार आबादी वाले सीवान के इस गांव में नहीं एक भी इंसान, जानिए कैसे हुआ वीरान

  1. Thank you for your sharing. I am worried that I lack creative ideas. It is your article that makes me full of hope. Thank you. But, I have a question, can you help me?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *