किसान आंदोलन में तेजी लाने के लिए 11 अप्रैल को होगी अहम बैठक
किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा विधानसभा में हाल ही में पास किये गए संपत्ति क्षतिपूर्ति वसूली कानून को लेकर किसानों में भारी रोष है। विरोधस्वरूप इस कानून की प्रतियां 8 अप्रैल को कितलाना टोल धरना स्थल पर जलाई जाएंगी। इस बात का ऐलान वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार अंग्रेजों की तर्ज पर आंदोलन को दबाने के लिए ये कानून लेकर आई है लेकिन उसके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे। किसान आंदोलन में तेजी लाने के इलाके की सभी खापों, किसान,मजदूर, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठनों की एक अहम बैठक 11 अप्रैल को सुबह 10 बजे कितलाना टोल पर बुलाई गई है। इस बात का निर्णय आज कितलाना टोल के अध्यक्ष मंडल की बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि सभी संगठन मिलकर किसान आंदोलन में तेजी लाने के साथ धरनों पर संख्या बढ़ाने और अधिक मात्रा में खाद्य सामग्री भेजने बारे विचार किया जाएगा। उन्होंने सभी संगठनों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार लाठी के दम पर आंदोलन को दबाना और कुचलना चाहती है लेकिन भूल रही है कि देश का अन्नदाता आज अकेला नहीं है। देश के मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी इन तीनों काले कानून के खतरे भांपकर किसानों के साथ खड़े हैं और उन्होंने इस आंदोलन को जनांदोलन बना दिया है। सरकार को आखिर में बातचीत करके ही इस समस्या का समाधान करना पड़ेगा। कितलाना टोल पर धरने के 104वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, बलवन्त नंबरदार, बिजेंद्र बेरला, राजसिंह जताई, दिलबाग ढुल, बलबीर बजाड़, रणधीर कुंगड़, कमल प्रधान, इंद्रावती, प्रेम कितलाना, निम्बो, कृष्णा छपार ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, मंगल सुई, रणधीर घिकाड़ा, दलीप सिंह सांगवान, राजकुमार दलाल, रामफल देशवाल, शमशेर फौगाट, राजकुमार हड़ौदी, नत्थूराम फौगाट, सत्यवान कालुवाला, हरबीर सांगवान, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, सुलतान मान, सब्बीर हुसैन, मीरसिंह निमड़ीवाली, महेंद्र धानक, जयपाल इत्यादि मौजूद थे।