सकारात्मक सोच, धैर्य ओर समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने पर कोरोना पीड़ित इस वायरस को मात दे रहे हैं। गुरुवार को शहर के आजाद चौक स्थित नवनिर्मित सम्राट अस्पताल में भर्ती 82 साल के रामकुमार कोरोना को हराकर अपने घर लौटे। अस्पताल प्रबंधन इस बुजुर्ग योद्धा को सम्मानित करते हुए कहा कि हौसला, परस्पर आपसी सहयोग एवं विश्वास ही इस महामारी की सबसे बड़ी दवा है। 16 मई को कोरोना पॉजीटिव होने पर रामकुमार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। आक्सीजन लेवल भी बहुत कम था। चार दिन आईसीयू में रहने के बाद वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हो गए। अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर एसपी सिंह ने बताया कि हमारे अस्पताल का जन्म कोरोना महामारी में हुआ है। इसलिए हमने संकल्प लिया है कि इस अस्पताल की सेवाएं पूरी तरह से मानवता और इंसानियत को बनाए रखने में समर्पित रहेगी। इस मौके पर मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. नितेश कुमार ने कहा कि यह समय एक दूसरे की ताकत बनने का है। इसी ध्येय के साथ हमारी टीम काम कर रही है।