कुंभ मेला: नहीं हुई थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क लगाने में भी लापरवाही

हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले में कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा है। कई जगहों पर थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हो रही है और कई लोगों ने मास्क भी नहीं लगाए हैं। लोगों की बढ़ती भीड़ के बीच प्रशासन के लिए कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन कराना बेहद मुश्किल हो रहा है।  कुंभ मेले में 12 से 14 अप्रैल तक शाही स्नान चल रहा है और इसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटी है। सोमवार शाम तक 28 लाख लोगों ने शाही स्नान में हिस्सा लिया। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक़, रविवार रात 11.30 बजे से सोमवार शाम 5 बजे तक मेले में आए 18,169 लोगों का टेस्ट किया गया है और इसमें 102 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हरिद्वार के रेलवे स्टेशन से हर की पौड़ी वाले घाट तक 10 किमी. के इलाक़े में कहीं भी थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं थी और ऐसे लोग जिन्होंने मास्क नहीं पहना था, उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही थी। बावजूद इसके कि मास्क न पहनने वाले लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी सिस्टम लागू किया गया है। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार के बीच कुंभ में इस वायरस से संक्रमित लोग न आ सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट को लाना अनिवार्य कर दिया था। कई जगहों पर मेले में आने वाले लोगों से आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के बारे में पूछा जा रहा था लेकिन 15 ऐसे लोग थे, जिनके पास यह रिपोर्ट नहीं थी और उन्हें जाने दिया गया।

मेले में पहुंचे लोगों के बयान 

मध्य प्रदेश के भिंड से आए राज प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश से लगने वाले नारसन बॉर्डर पर उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की जांच की गयी लेकिन कुंभ मेले में किसी ने ये रिपोर्ट दिखाने के लिए नहीं कहा और कोई थर्मल स्क्रीनिंग भी नहीं हुई। जम्मू से आए प्रमोद शर्मा ने कहा कि किसी ने भी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के बारे में नहीं पूछा और स्नान के दौरान कोई थर्मल स्क्रीनिंग भी नहीं हुई। कुंभ मेले में कोरोना संक्रमण के मामलों को देख रहे डॉ. अविनाश खन्ना ने कहा, “राज्यों की सीमा पर, रेलवे स्टेशनों और घाटों वाले इलाक़े में थर्मल स्क्रीनिंग और रैपिड एंटिजन टेस्ट किए जा रहे हैं। सोमवार सुबह घाटों और अखाड़ों को आरक्षित कर दिया गया था, इसलिए इस जगह टेस्ट और स्क्रीनिंग नहीं की जा सकी। जैसे ही अखाड़ों का स्नान ख़त्म होगा, टेस्ट और स्क्रीनिंग की जाएगी।”

भीड़ को संभालने पर ध्यान

कुंभ मेले के आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि सोमवार को मास्क नहीं पहनने वालों के चालान और थर्मल स्क्रीनिंग इसलिए नहीं की जा सकी क्योंकि इससे किसी एक जगह भीड़ के इकट्ठा होने का ख़तरा था। एक दूसरे अफ़सर ने कहा कि सोमवार को उनका ध्यान भीड़ को संभालने पर रहा इसलिए थर्मल स्क्रीनिंग और रिपोर्ट की जांच को टालना पड़ा। इस सबके बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई कोरोना गाइडलाइंस का 100 फ़ीसदी पालन कर रही है। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कुंभ मेला शुरू होने से पहले कहा था कि इसमें आने वालों को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना होगा। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि मेले में हर दिन 50 हज़ार कोरोना के टेस्ट कराए जाएं। उत्तराखंड में 1 अप्रैल से कुंभ मेला शुरू हुआ था। उससे पहले ही राज्य सरकार ने 12 राज्यों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया था। इन राज्यों में महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान शामिल थे।

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