गंम्बूजिया मछली करेगी लार्वा का शिकार, म‘छरों से दिलाएगी निजात

कैथल के 480 तालाबों में अब तक छोड़ी जा चुकी ये  मछली


रणघोष न्यूज. कैथल. नरेश भारद्वाज


कहावत है कि एक खराब मछली पूरे तालाब को गंदा कर सकती है। लेकिन आज हम इसके ठीक उलट एक ऐसी मछली की बात कर रहे हैं। जो लोगों को डेंगू के डंक से बचाएगी। इस मछली का नाम है गम्ंबूजिया। यह मछली सिर्फ डेंगू ही नहीं बल्कि आपको मलेरिया चपेट में आने से बचा सकती है। साथ ही यह मछली डेंगू -मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा म‘छरों के लार्वा को खाकर कैथल जिले को म‘छरों के प्रकोप से बचा सकती है। बारिश की दस्तक से पहले ही जिले के 480 तालाबों में स्वास्थ्य विभाग इन मछलियों कोछोड़ चुका है। दरअसल ये एक ऐसी मछली है। जो डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा म‘छरों के लार्वा को खाकर कैथल को म‘छरों के प्रकोप से बचा सकती

है। स्वास्थ्य विभाग डेंगू-मलेरिया के म‘छरों से लडऩे के लिए ईको-फ्रेंडली तरीकों को बढ़ावा दे रहा है। लिहाजा गंम्बूजिया मछली को बढ़ावा देकर म‘छरों पर काबू पाने की कोशिश में है। मलेरिया और डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए गम्ंबूजिया मछली को हथियार बनाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग फरवरी से ही कर चुका है। तालाबों में गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही पनपने वाले म‘छरों पर रोक लगाने के लिए मछली गंम्बूजिया मछली छोडऩे की योजना तैयार की है। डेंगू और मलेरिया के लार्वा मिलते ही ये मछलियां तेजी से उन्हें खाना शुरू कर देती हैं। क्योंकि जितने तेज गति से इन बीमारियों का लार्वा बढ़ता है। उतने ही तेजी से इन मछलियों की तादाद भी बढ़ती जाती है। गंबूजिया मछली का उत्पादन जिला स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। इसके लिए जिला में 10 हेचरिज बनाई गई हैं। जिनमें से जो दो सिविल अस्पताल, पूंडरी, कलायत, गुहला, बाता, राजौंद, कौल, सीवन व पाडला

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में एक एक हेचरी हैं। जहां तीन मछलियों को पाला जाता है। कोई भी व्यक्ति सरकारी हस्पताल के मलेरिया विभाग से इन मछलियों का बीज मुफ्त में डालने के लिए ले सकता है। आपको बता दें एक गंम्बूजिया मछली 24 घंटे में 100 से &00 लार्वा खा सकती है। गंम्बूजिया मछली को ग्रो होने में & से 6 महीने का वक्त लगता है। एक मछली तीन महीने में एक बार करीब 50 से 200 अंडे दे सकती है। एक मछली करीब 4 से 5 साल जिंदा रह सकती है। इसे को पक्षी नहीं खाता।

डीसी ने बिदक्यार में छोड़ी गंबूजिया मछली

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डीसी प्रदीप दहिया ने शहर के जवाहर पार्क स्थित वृद्ध केदार तीर्थ स्थित तालाब में गंम्बूजिया मछली छोड़ी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जून महीने को एंटी मलेरिया माह के रुप में मना रहा है। जिसके चलते विभिन्न क्षेत्रों पर डॉक्टर्स की टीम लार्वा की पहचान कर उसे नष्ट करने का कार्य कर रही है। अब तक साढ़े & लाख से ’यादा घरों में लार्वा की जांच की जा चुकी है। जिसमें 187 घरों में लार्वा डिटेक्ट किया गया है। हमारी स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से लार्वा को नष्ट कर उन्हें नोटिस दिया गया है। कार्यालयों व प्रतिष्ठानों में टंकियों और नालियों, गंदगी भरे स्थानों पर साफ-सफाई के आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं ताकि बरसात के मौसम में पनपने वाली बीमारियों मलेरिया व डेंगू से बचा जा सके।

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