पाकिस्तान: आईएसआई चीफ़ की नियुक्ति पर रार, इमरान-फ़ौज़ आमने-सामने!

रणघोष अपडेट. पाकिस्तान से 

पड़ोसी मुल्क़ पाकिस्तान में वहां की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसएआई के चीफ़ की नियुक्ति को लेकर खासा विवाद हो गया है। इसे लेकर इमरान ख़ान की हुक़ूमत और फ़ौज़ आमने-सामने हैं। हालांकि हुक़ूमत की ओर से इस तरह की बातों को सिर्फ़ अफ़वाह बताया गया है। पाकिस्तान की हुक़ूमत ने पिछले सप्ताह एलान किया था कि लेफ़्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम आईएसआई के नये चीफ़ होंगे। उन्हें लेफ़्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद की जगह पर नियुक्त किया जाना था। जबकि लेफ़्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को पेशावर कोर का कमांडर बनाया जाना था। लेकिन इस नियुक्ति का नोटिफ़िकेशन जारी नहीं हो पाया। इसके बाद से ही यह बात पाकिस्तान के साथ ही हिंदुस्तान में भी चलने लगी कि इमरान की हुक़ूमत और फ़ौज़ इसे लेकर एकराय नहीं हैं। अब ताज़ा ख़बर ये है कि मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इमरान ख़ान ने मंत्रियों से कहा कि उन्होंने आर्मी चीफ़ जनरल क़मर जावेद बाजवा से कहा है कि वे चाहते हैं कि लेफ़्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को कुछ और वक़्त के लिए इस ओहदे पर बने रहने दिया जाए। इसके पीछे इमरान ने अफ़ग़ानिस्तान के हालात का हवाला दिया है। इसका यह भी मतलब है कि इमरान ने इस मामले में अपने क़दम पीछे खींच लिए हैं। पाकिस्तान के क़ानून के मुताबिक़, वज़ीर-ए-आज़म के पास इस बात का क़ानूनी हक़ और विशेषाधिकार है कि वे आर्मी चीफ़ के साथ राय मशविरा कर आईएसआई चीफ़ को नियुक्त करें। पाकिस्तान में आर्मी चीफ़ के बाद आईएसआई चीफ़ का ओहदा सबसे अहम माना जाता है और इस ओहदे पर नियुक्ति आर्मी चीफ़ की हिमायत के बिना नहीं हो सकती।

क़ानून के मुताबिक़ होगा काम

उधर, नोटिफ़िकेशन जारी न होने के कारण इस मामले में तमाम तरह की बातें कही जा रही थीं। यह तक कहा जाने लगा था कि पाकिस्तान में फ़ौज़ अब सत्ता पलट कर सकती है। लगातार बढ़ रहे विवाद के बाद पाकिस्तान के सूचना मंत्री फ़वाद चौधरी ने मंगलवार को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेन्स की। फ़वाद का कहना है कि इस मामले में क़ानून और आइन के मुताबिक़ ही काम किया जाएगा। फ़वाद ने कहा कि इमरान और आर्मी चीफ़ जनरल क़मर जावेद बाजवा की इस मामले में लंबी बैठक हुई है और दोनों की एकराय कायम हो चुकी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इमरान ख़ान को इस मामले में फ़ैसला लेने का पूरा हक़ है।फ़वाद ने फ़ौज और इमरान हुकूमत के बीच इस मामले में किसी भी तरह के मतभेद होने की ख़बरों को हवा में उड़ा दिया।

फ़ौज़ी शासकों ने की हुक़ूमत 

पाकिस्तान की तारीख़ अगर आप देखें तो वहां की हुक़ूमत पर फ़ौज़ हावी रही है। पाकिस्तान में फ़ौज़ सबसे ऊपर है। भारत से टूटकर बने इस पड़ोसी मुल्क़ में पिछले 73 साल में कई सालों तक हुक़ूमत फ़ौज़ के हाथों में रही है। वहां लंबे समय तक फ़ौजी शासकों अयूब खान, याह्या खान, जिया-उल-हक और जनरल मुशर्रफ ने मुल्क़ की कमान अपने हाथों में रखी।

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