सूचना ना देने पर नारनौल नप के दो ईओ पर पचास हजार का जुर्माना

–राज्य सूचना आयोग ने दोनों ईओ पर दिनों के हिसाब से लगाया जुर्माना


–    रेवाड़ी नप में कार्यरत  ईओ अभय सिंह पर 13 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है।


रणघोष अपडेट.नारनौल


नगर परिषद में वर्ष 2021 में ईओ रहे चुके अभय सिंह यादव व संजय यादव पर आरटीआई के तहत सूचना ना देने पर पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। दो अलग-अलग अपील को सुनने के बाद इन दोनों अधिकारियों पर राज्य सूचना आयोग ने कुल पचास हजार रुपयों में से दिनों के हिसाब से सूनना देनी में देरी करने पर जुर्माने की अलग-अलग राशि तय की है। अपील नंबर 5609 की सुनवाई में ईओ संजय यादव पर 6250 रुपये तथा ईओ अभय सिंह यादव  पर 18 हजार 750 रुपये का जुर्माना किया है। जबकि दूसरी अपील नंबर 5610 पर फैसला देते हुए ईओ संजय यादव पर 11 हजार 500 रुपये तथा ईओ अभय सिंह पर 13 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। इस तरह कुल पचास हजार के कुल जुर्माने में इस प्रकार संजय यादव तथा अभय सिंह पर क्रमश 17500 रुपये तथा 32250 रुपये का जुर्माना लगाया है। राज्य सूचना आयोग ने अपने फैसल में कहा है कि  19 फरवरी से 21 अप्रैल तक संजय यादव नारनौल नगर परिषद में ईओ के पद पर कार्यरत थे और इनके बाद 23 जुलाई 2021 तक अभय सिंह यादव इस पद पर थे। सीमा देवी पत्नी प्रेमचंद सैनी तथा इनके अधिवक्ता हिमांशु छाबडा ने नगर परिषद से आरटीआइ एक्ट के तहत कुछ जानकारियां मांगी थी। नगर परिषद ने जब इन्हें समय पर सूचना उपलब्ध नहीं तो अंत में याची ने राज्य सूचना आयोग की शरण ली। आयोग ने इन दोनों अपीलों की सुनवाई करते हुए कहा है कि उपरोक्त दोनों अधिकारियों ने इन दोनों सूचनाओं को देने में एक्ट के तहत निर्धारित दिनों के अलावा क्रमश 46 और 54 दिनों की देरी की है। जिसके चलते दोनों अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है। आयोग ने इस आदेश की एक-एक प्रति संबंधित जिलों के प्रथम अपीलीय अधिकारियों व निकाय विभाग के निदेशक को प्रेषित करके जुर्माना राशि 28 फरवरी 2022 तक रिकवर करने भी निर्देश दिए हैं।

यह जानकारियां मांगी गई थी आरटीआई में:-

सीमा देवी पत्नी प्रेमचंद सैनी ने आरटीआई एक्ट के तहत नगर परिषद के गेट के पास स्थित दो दुकानों को अचानक 7 नवंबर 2020 को ढहाने के बाद कुछ जानकारियां मांगी थी। जिसमें इन दुकानों को ढहाने के आदेशों की प्रति, खसरा नंबर 5441 पर नगर परिषद के रिकार्ड अनुसार मालिक का नाम, 1986 में विजय पान बनाम नप नारनौल के फैसले की प्रति, 7 नवंबर 2020 को उक्त दुकाने व अन्य तातीरात ढहाने के आदेश देने वाले अधिकारियों के नाम पद की जानकारी देना तथा खसरा नंबर 821 से 824 के रकबा व मालिकों के नाम व पता देने के लिए आवेदन किया गया था। इसके अलावा दर्शन सिंह पटवारी द्वारा तैयार की मार्किंग की प्रति, नगर परिषद का खसरा टाउन प्लान तैयार करने का आधार आदि कुल 18 बिंदुओं की महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी गई थी।

इसके अलावा आरटीआई एक्ट के तहत मांगी गई दूसरी जानकारी में याची ने हिमांशु छाबडा ने नगर परिषद की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता पीसी गुप्ता के बारे में सूचना मांगी थी। इसमें नगर परिषद से जानकारी मांगी गई थी कि अधिवक्ता पीसी गुप्ता ने नगर परिषद नारनौल के लिए जिन भी केसों की पैरवी की उन सभी केसों की सूची उपलब्ध करवाई जाए। नगर परिषद से संबंधित एक केस जिसका फैसला 23 अक्टूबर 2013 को नारनौल की एक अदालत द्वारा दिया गया उसकी प्रति, 5 मार्च 2020 को उपायुक् द्वारा पास किए एक आर्डर की प्रति तथा इन दोनों केसों में अधिवक्ता पीसी गुप्ता द्वारा दी गई ओपनियनों की प्रति उपलब्ध करवाई जाये।

उपरोक्त सूचना मांगने वाले याचिकर्ताओं का कहना है कि निर्धारित अवधि में नगर परिषद द्वारा सूचना नहीं दिये जाने पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग में अपील की थी। जिनकी सुनवाई के बाद अब उस दौरान  ईओ के पद पर कार्यरत उक्त दोनों अधिकारियों पर आयोग ने जुर्माना लगाया है। याची ने यह भी कहा कि वे यदि उन्हें अभी भी आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना नहीं दी गई तो इस मामतो में कानूनविदो से राय लेकर अपनी आगामी कार्रवाई की रुपरेखा तैयार करेंगे।

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