खत्म कर डालो ऐसी शिक्षा को जो श्वेता की मौत पर हमें जलील करती रहेगी

-शिक्षा परिवार- समाज- राष्ट्र की खिलखिलती, हंसती, मुस्कारती स्वस्थ्य बुनियाद होती है। अगर उसके नीचे लखसना श्वेता जैसी मासूम चित्कार कर रही है तो वह शिक्षा नहीं  सर्वनाश है।


रणघोष खास. प्रदीप नारायण


बुधवार रात घोषित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी नीट में असफल होने के बाद चेन्नई के अम्बत्तूर में 19 वर्षीय छात्रा लखसना श्वेता ने आत्महत्या कर ली। आने वाले कुछ दिनों में ऐसी खबरें इधर उधर से ओर आएगी। मनोचिकित्सकों के क्लीनिक पर माता-पिता अपने बच्चों का इलाज कराते नजर आएंगे। ऐसा बहुत कुछ होगा जो परिवार की शांति को खत्म कर देगा। मतलब साफ है रजल्ट से पहले तक जो शिक्षा बेहतर भविष्य का आधार नजर आ रही थी वह रजल्ट में मिली असफलता के बाद अभिश्राप बन गईं। खत्म कर डालिए ऐसी शिक्षा को जो तनाव पैदा करती है। हत्यारे हैं वो माता पिता जो जबरदस्ती अपनी इच्छाओं को अपने बच्चों पर थोपते हैं। जहरीले नाग है वे कोचिंग सेंटर व शिक्षण संस्थाएं जो बच्चों के बेहतर भविष्य का टेंडर लेकर तरह तरह का सपना दिखाकर अपना शिकार बनाते हैं। लानत है ऐसी शिक्षा मॉडल पर जिसमें बच्चों को नंबरों की काली कोठरी में धकेल दिया जाता है। जल्लाद है वो शिक्षक जो अपने विषयों में बच्चों को शत प्रतिशत नंबर देते हैं। पापी और दुराचारी है वो लोग जो शिक्षा के कायदे कानून बनाते हैं। राक्षस है वो शासन व्यवस्था जो इस तरह की घटनाओं से सबक नहीं लेती। -शिक्षा परिवार- समाज- राष्ट्र की खिलखिलती, हंसती, मुस्कारती स्वस्थ्य बुनियाद होती है। अगर उसके नीचे लखसना श्वेता जैसी मासूम चित्कार कर रही है तो वह शिक्षा नहीं  सर्वनाश है। खुद पर गुस्से में चिल्लाते हुए तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम के बयान पर हसिंए।  वे इस घटना के बाद समाधान बता रहे हैं कि  राज्य सरकार तनाव में रहने वाले छात्रों को काउंसलिंग प्रदान कर रही है।”जुलाई में परीक्षा समाप्त होने के बाद, हम 210 काउंसलर्स के माध्यम से छात्रों को मेंटल हेल्थ काउंसलिंग दे रहे हैं। परीक्षा देने वाले 2 लाख से अधिक छात्रों में से 564 छात्र काफी तनाव में पाए गए, उनमें से 98 छात्रों पर जिला स्तर पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नजर है और वे उनकी मदद में लगे हैं। मंत्री ने माता-पिता को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को डांटें नहीं, भले ही वे परीक्षा में फेल हो जाएं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हम उन लोगों का पता लगाने की प्रक्रिया में हैं जो नीट  परीक्षा में असफल रहे हैं और मेंटल हेल्थ काउंसलिंग में उनकी मदद कर रहे हैं। जो छात्र पास नहीं हुए हैं, हमारा अनुरोध है कि वे हमसे संपर्क करें।” उन्होंने कहा कि सरकार कैरियर गाइडेंस भी प्रदान करेगी। जिन छात्रों को सहायता की आवश्यकता है वे हेल्पलाइन नंबर 104 और 1100 पर संपर्क कर सकते हैं। इसका मतलब साफ है कि जो शिक्षा  नंबरों वाली परीक्षा में मिली असफलता के बाद हेल्पलाइन नंबर तक पहुंच जाइए समझ जाइए आपने अपनी जिंदगी को ऐसी मुकाम पर खड़ा कर दिया है जिसका सौंदा नंबर तय करेंगे आपका भविष्य खत्म हो चुका है या बनने जा रहा है। ऐसी शिक्षा देने वालों की सरेआम चौराहे मुनादी करवाकर जलालत किजिए और इनके बदले तलाश में जुट जाइए ऐसे गुरुजनों की जो बेहतर इंसान बनने  के संस्कार एवं संस्कृति  में नहाए हो।

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