आरटीए की कार्रवाई से बेहद खफा डीसी, एडीसी करेंगे जांच, सुबह मारपीट करने वाले शाम को याचना करते दिखे
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
आरटीए विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बुधवार सुबह बस स्टैंड पर जिस तरह निजी वाहनों में बैठकर अपनी डयूटी पर जा रहे शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ बदमाशी अंदाज में मारपीट व हाथापाई की। उससे उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग बेहद खफा है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एडीसी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देंगी। उधर शाम होते ही आरटीए के वहीं अधिकारी एवं कर्मचारियों शिक्षकों के सामने बेहद ही सम्मानजनक ढंग से पेश आए। उन्होंने कहा कि यह सबकुछ दबाव के चलते अनजाने में हुआ। हम यह चालान खुद ही भुगत लेंगे बस अपनी शिकायत वापस ले लो। शिक्षक सुदेश कुमार एवं धर्मेद्र यादव ने कहा कि चालान के नाम पर उनके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया। शिक्षक साथी को घसीट कर ले जाना, बंधक बनाना और जगन गेट पुलिस चौकी में बैठाकर रखना। ऐसा लगता है कि हम देश के नागरिक नहीं होकर कोई आंतकवादी हो। यहां बता दें कि दैनिक रणघोष ने इस घटनाक्रम को मीडिया के डिजीटल प्लेटफार्म पर शेयर कर दिया था। जिसमें स्पष्ट तौर पर आरटीओ के अधिकारियों की गुंडागर्दी को एक्सपोज किया गया।
मेवात के लिए कोई बस सुविधा नहीं, ऐसे में क्या करें शिक्षक
आरटीए के अधिकारियों ने माना कि जितनी संख्या में शिक्षक मेवात के क्षेत्रों में अपनी डयूटी करने जाते हैं उस हिसाब से रोडवेज के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में शिक्षक क्या करें। अपनी निजी वाहन से शिक्षक साथियों के साथ एक ही रूट पर जा रहे हैं इसमें कौनसा अपराध कर दिया। कमाल की बात यह है कि यह एक तरह से आरटीओ का फतवा है।
अधिकारी की सुनिए, बस स्टैंड से दोस्त को निजी वाहन से लाएंगे तो चालान कटेगा
मोटर व्हीकल अधिकारी द्वारका प्रसाद ने शिक्षकों से बातचीत में कहा कि अगर कोई अपने निजी वाहन से बस स्टैंड पर दोस्त को लेने जाता है तो उसका चालान कट सकता है। यह नियम है। यानि निजी वाहन चालक अपने वाहन में किसी मित्र, सगे संबंधी को भी नहीं बैठा सकता। हैरान करने वाले इस अधिकारी के जवाब पर भी आने वाले दिनों में विवाद होना लाजिमी है। ऐसे में इन अधिकारियों को कायदे से ट्रकों वह अन्य वाहनों में ट्रक चालक के साथ चलने वाले हेल्पर के होने पर भी चालान कर देना चाहिए।
मारपीट करने वाले अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित शिक्षकों ने मारपीट करने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। पीड़ित शिक्षक रमेश कुमार ने बताया कि अधिकारी द्वारका प्रसाद जब उनके साथ बदतमीजी कर रहा था उसके मुंह से शराब की बदबु आ रही थी। उनके साथ एक अन्य कर्मचारी भी शिक्षकों को धक्के व मारपीट कर रहा था। यह सब विडियो में स्पष्ट तौर से जाहिर हो रहा है। यह पूरी तरह से मानसिक प्रताड़ना है। उसे घसीटा गया, बंधक बनाकर पुलिस में कई घंटे बैठाया गया। वे सिर्फ अधिकारियों से अपना अपना कसूर पूछ रहे थे। अपने वाहन से दो शिक्षकों के साथ स्कूल जाना क्या अपराध है। 11 हजार रुपए का चालान करने के बाद सार्वजनिक तौर पर एक शिक्षक की गरिमा से खेलना पूरी तरह से शर्मसार है।