प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के एक हिस्से का उद्घाटन करेंगे. 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जिसके बाद दिल्ली से जयपुर तक के सफर का समय पांच घंटे से घटकर लगभग दो घंटे रह जाएगा. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि एक्सप्रेसवे के इस खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है. इससे पूरे इलाके के आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक ऐसी पहल जिससे दिल्ली और मुंबई के बीच सड़क के सफर में क्रांति आने की उम्मीद है.
1,380 किलोमीटर लंबा आठ-लेन का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे रास्ते में कई शहरों को भी फायदा पहुंचाएगा. इस परियोजना पर काम मार्च, 2019 को शिलान्यास के साथ शुरू हुआ था. तब वित्त मंत्रालय ने घोषणा की थी कि एक्सप्रेसवे को 101,420 करोड़ रुपये की पूंजी लागत से बनाया जाएगा. एक बार पूरा हो जाने के बाद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,386 किलोमीटर लंबा देश का सबसे लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बन जाएगा. यह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को 12 प्रतिशत घटाकर 1,424 किमी. से 1,242 किमी कर देगा. जबकि सफर का समय मौजूदा 24 घंटे से घटकर केवल 12 घंटे रह जाएगा.
दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे छह राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. ये कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे बड़े शहरों को जोड़ेगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगा और इन इलाकों में आर्थिक समृद्धि लाएगा. यह परियोजना 93 पीएम गति शक्ति इकोनॉमिक नोड्स, 13 बंदरगाहों, आठ बड़े हवाई अड्डों और आठ मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) और जेएनपीटी बंदरगाह के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे जैसे नए आगामी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी सेवा प्रदान करेगी.
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