हरियाणा सरकार की सख्ती: दो नायब तहसीलदार सस्पेंड, 44 अफसर जांच के घेरे में

बिना NOC रजिस्ट्री, दस्तावेज न सौंपने पर गिरी गाज; भ्रष्टाचार पर सरकार का शिकंजा कसना शुरू

चंडीगढ़ | हरियाणा के राजस्व विभाग में लंबे समय से चले आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर अब सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। गुरुग्राम के बादशाहपुर और कुरुक्षेत्र जिले के दो नायब तहसीलदारों को निलंबित कर दिया गया है।

आरोप:

  • बादशाहपुर के नायब तहसीलदार प्रमोद कुमार ने बिना NOC के ज़मीन की रजिस्ट्री की

  • कुरुक्षेत्र के नायब तहसीलदार परमजीत ने जांच के दौरान आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए

दोनों अफसरों को निलंबन के दौरान क्रमशः सोनीपत और अंबाला के DC कार्यालय से अटैच किया गया है।


⚖️ चार दर्जन अफसर रडार पर, सरकार ने बनाई है सूची

राजस्व विभाग और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त जांच में सामने आया है कि करीब 4 दर्जन राजस्व अफसर संदेह के घेरे में हैं। इनमें नायब तहसीलदार, तहसीलदार और पटवारी स्तर के अधिकारी शामिल हैं।
इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू की जा रही है।


🧾 7A नियम का उल्लंघन, रजिस्ट्री सीधे करना अवैध

राज्य सरकार के अनुसार, अधिसूचित क्षेत्रों में बिना नगर योजनाकार विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिए सीधे रजिस्ट्री करना नियमों के विरुद्ध है।
हरियाणा नगरीय विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा 7A के अंतर्गत यह स्पष्ट रूप से अवैध माना गया है।


🕵️‍♂️ कोविड काल के रजिस्ट्री घोटाले से जुड़ रहे तार

जांच में यह भी सामने आया है कि वर्तमान में रडार पर आए कई अफसर कोविड काल में हुए रजिस्ट्री घोटाले से भी जुड़े रहे हैं।
सरकार द्वारा उस समय गठित विशेष जांच टीम की रिपोर्ट में 232 अधिकारियों को दोषी पाया गया था, जिनमें तहसीलदार, कानूनगो, लेखा परीक्षक, रजिस्ट्री क्लर्क और पटवारी शामिल थे।


📌 सरकार का रुख सख्त, कार्रवाई अब टाली नहीं जाएगी

विभागीय सूत्रों के अनुसार, पहले भी इन अफसरों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार कार्रवाई सख्त और निर्णायक होगी।


🗣️ “राजस्व व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
— वरिष्ठ अधिकारी, राजस्व विभाग