Israel-Hamas War: ‘गाजा में बहुत हुआ अब…’ UN ने की तुरंत जंग रोकने की मांग, इजरायल बोला- जीतकर ही खत्म करेंगे युद्ध

इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध को एक महीना पूरा हो गया है. हालांकि अभी तक किसी तरह का कोई नतीजा सामने नहीं आया है. लेकिन 10,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 15,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर मानवीय युद्धविराम की बात दोहराते हुए कहा कि गाजा के लोगों को घेरकर रखना, हमला करना और लोगों को सुविधाओं से दूर रखना स्वीकार नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र जिनेवा ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “हमें तत्काल मानवीय युद्धविराम की आवश्यकता है. तीस दिन हो गए हैं. बहुत हो गया. अब यह रुकना चाहिए. 18 संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों के प्रमुख गाजा पर एक संयुक्त बयान जारी करें.” वैश्विक निगरानी संस्था ने कहा कि इजरायल पर 7 अक्टूबर का हमले के साथ-साथ गाजा में लोगों की हत्याओं और 2.2 मिलियन से अधिक फिलिस्तीनियों को सुविधाओं से काटने को उचित नहीं ठहराया जा सकता है.

इसमें आगे कहा गया है कि गाजा में भोजन, पानी, दवाएं और ईंधन सहित अधिक सहायता की आवश्यकता है और “तत्काल मानवीय युद्धविराम” की आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र के बयान में कहा गया है, “लगभग एक महीने से, दुनिया इजरायल और अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्र में उभरती गंभीर स्थिति को देख रही है और जान गंवाने और बिखरने की बढ़ती संख्या से सदमे और दहशत में है.”

बयान में कहा गया है कि पूरी आबादी को घेर लिया गया है और उन पर हमला किया गया है, जीवित रहने के लिए आवश्यक चीजों तक पहुंच से वंचित कर दिया गया है, उनके घरों, आश्रयों, अस्पतालों और पूजा स्थलों पर बमबारी की गई है. यह अस्वीकार्य है. इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि स्वास्थ्य देखभाल के खिलाफ 100 से अधिक हमलों की सूचना दी गई है. 7 अक्टूबर के बाद से 88 यूएनआरडब्ल्यूए सहयोगियों सहित कई सहायता कर्मी मारे गए हैं.

बयान में जोर देकर कहा गया है कि इजरायल में लगभग 1,400 लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं, और बच्चों सहित 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया है. रॉकेट परिवारों को आघात पहुंचा रहे हैं. हजारों लोगों का विस्थापित होना भयानक है. संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए आगे कहा कि गाजा में लगभग 9,500 लोग मारे गए हैं, जिनमें 3,900 बच्चे और 2,400 से अधिक महिलाएं शामिल हैं, जबकि 23,000 से अधिक घायल लोगों को अत्यधिक भीड़भाड़ वाले अस्पतालों में तत्काल इलाज की आवश्यकता है.

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