बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने बीजेपी और जेडीयू को सीधी चेतावनी दी है। मांझी ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी को 15 सीटें नहीं दी गईं तो वह चुनाव ही नहीं लड़ेंगे।
एनडीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत के बीच मांझी का यह बयान राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रहा है। मांझी पहले भी कह चुके हैं कि 15 सीटें उनके लिए “करो या मरो” का मुद्दा हैं। उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर 15 सीटें नहीं मिलतीं तो उनकी पार्टी 100 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
मांझी ने बुधवार को मीडिया से कहा —
“हम कोई डिमांड नहीं कर रहे, हम तो अनुरोध कर रहे हैं। अब तक हमने एनडीए का हर कदम पर साथ दिया है। क्या अब हमें बेइज्जत होते रहना चाहिए? अगर हमारा 60 प्रतिशत स्कोरिंग रेट है, 7 में से 4 सीटें जीते हैं, तो हमें 15 सीटें दे दीजिए। इससे हमें मान्यता प्राप्त दल का दर्जा मिल जाएगा। इसमें किसी तरह का विरोध नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी।
“अगर नहीं वैसा होगा तो हम नहीं चुनाव लड़ेंगे।”
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। दूसरी ओर, एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी कहा है कि बातचीत जारी है और कुछ मुद्दों पर स्पष्टता जल्द आएगी।
भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान बीते दिनों चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से मिल चुके हैं। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से बातचीत के बाद इन छोटे घटक दलों को नया ऑफर देने की तैयारी में है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मांझी की यह नाराजगी अगर लंबी चली तो एनडीए गठबंधन को चुनाव से पहले झटका लग सकता है।