Make In India : मोदी सरकार ने कंपनियों से कहा- भारत में बनाइए लैपटॉप-टैब और पाइए करोड़ों का इन्सेंटिव

भारत को मैन्‍युफैक्चिरिंग हब बनाने में जी-जान से जुटी केंद्र सरकार ने आईटी हार्डवेयर के प्रोडक्‍शन को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा की है. सरकार ने देश में सस्‍ते सस्ते लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर जैसे अन्य आईटी हार्डवेयर बनाने पर अब कंपनियों को इंसेटिव देने की घोषणा की है. आईटी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI Scheme for IT hardware companies) के दूसरे चरण को सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार भारत में ही लैपटॉप और कंप्‍यूटर जैसे उत्‍पाद बनाने वाली कंपनियों को 17,000 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्‍ध कराएगी. यह राशि अगले 6 साल में खर्च की जाएगी. आईटी हार्डवेयर के लिए 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम के दूसरे चरण को मंजूरी बुधवार को हुई केंद्रीय केबिनेट की मीटिंग में दी गई. सरकार के फैसले (Union Cabinet Decision) की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई स्कीम के तहत 17,000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया जाएगा. आईटी सेक्‍टर में पीएलआई स्‍कीम से 75,000 प्रत्‍यक्ष रोजगार तो पैदा होंगे की साथ ही इसस अप्रत्‍यक्ष रूप से भी बड़ी मात्रा में लोगों को फायदा होगा. कुल मिलाकर इस स्‍कीम से करीब 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.

वैष्‍णव ने बताया कि सरकार की इस योजना का फायदा लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर, सर्वर और अन्य छोटे आईटी हार्डवेयर डिवाइस बनाने वाली कंपनियों को होगा. सरकारी सहायता मिलने से देश में हर साल लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर का प्रोडक्शन बढ़ेगा और इस तरह 3.35 लाख करोड़ मूल्‍य के उत्‍पाद तैयार होंगे. इस योजना से 2,430 करोड़ रुपये का निवेश आने की भी संभावना है.

2021 में लॉन्‍च किया था पहला चरण
आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का पहला चरण केंद्र सरकार ने फरवरी 2021 में शुरू किया था. तब 7,350 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों ने सरकार से पीएलआई स्‍कीम के तहत और धनराशि आवंटित करने की मांग कर रही थी.

क्‍या है पीएलआई स्‍कीम?
मैन्‍युफैक्चिरिंग में चीन को टक्‍कर देने के लिए सरकार ने देश में अलग-अलग सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम शुरू की है. अप्रैल 2020 में इस योजना का शुभारंभ हुआ था. इसके तहत भारत में अपने उत्‍पाद बनाने वाली कंपनियों को उनके प्रोडक्शन के आधार पर सरकार पैसे देती है.

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