जीएल स्कूल बस हादसे की शिकार सपना अब नही रही

 सिस्टम का असली चरित्र सामने आया


रणघोष अपडेट. कनीना

11 अप्रैल 2024 को हुए कनीना के जी एल स्कूल बस हादसे की पीड़िता सपना पुत्री सतीश कुमार खटाना नहीं रही। उसका निधन दोपहर 2:30 बजे उसके घर गांव खरकड़ावास में ही किया गया है।  उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को उन्होंने के पास हुए भीषण बस हादसे में 6 विद्यार्थियों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि कई दर्जन विद्यार्थी घायल हुए थे जिम सबसे ज्यादा घायल सपना पुत्री सतीश कुमार थी सपना को रीड की हड्डी में मल्टीपल फैक्चर तथा दिक्कत थी तथा वह 11 अप्रैल से बिस्तर पर ही थी कनीना के कर्मठ मीडिया कर्मियों के सहयोग से सपना ने अपनी बा प्रथम वर्ष के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा उल्लेखनीय है कि सपना जल कॉलेज की टॉपर रही थी। बस हादसे के बाद जब सपना का इलाज गुरुग्राम में एक बड़े अस्पताल में चल रहा था तब अस्पताल प्रबंधन द्वारा उसे ₹500000 की मांग की गई थी तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को धमकाया था तथा वह ₹5 लाख की राशि अस्पताल पर प्रशासन को सपना के पिता भुगतान ने की जाने की बात कही थी ।तब सरकार व प्रशासन ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया था लेकिन सपना को किसी तरह की कोई आर्थिक मदद नहीं दी गई जबकि 6 मृतक  विद्यार्थियों के परिजनों को सरकार द्वारा पांच-पांच लाख रुपए की राशि प्रदान की गई थी ।सपना का अंतिम संस्कार आज गांव के ही श्मशान घाट में किया गया तथा ग्रामीणों ने नाम आंखों से गांव की होनहार बिटिया को अंतिम विदाई दी

 सिस्टम का असली चरित्र सामने आया, सपना की मौत सवाल करती रहेगी 

सपना ने भीषण दर्दनाक बस हादसे के बाद 9 महीने 18 दिन का समय संघर्ष के साथ बिताया उसने लगातार पढ़ाई की तथा उसने अपनी तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा भी जी एल कॉलेज में जाकर दी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उसे घर पर परीक्षा देने से इनकार कर दिया था सपना पढ़ना चाहती थी तथा उसका सपना सपना ही रह गया बस चालक की लापरवाही एक होनहार बेटी को दुनिया से छीन कर ले गई। जिस समय हादसा हुआ पूरे प्रदेश में ताबड़तोड़ छापेमारी स्कूलों की गलत तरीके से  संचालित की जा रही बसों पर की गई सारे रिकॉर्ड खंगाले गए इसके बावजूद भी अनेक वर्षों की गलत संचालन की खबरें मीडिया में आ रही है अनेक बड़े विद्यालयों के संचालक छुट्टी के दिन गए बगाहे क्लास से लगाने की कोशिश करते रहे हैं लेकिन तत्कालीन मुख्य सचिव टीवीएस न प्रसाद का यह कथन की बच्चों का बलिदान बेकार नहीं जाना चाहिए बच्चों के साथ कोई न्याय नहीं दिल पाया क्योंकि मृतक बच्चों को महज 5 लख रुपए दिए गए हैं जबकि घायलों की कोई सुध नहीं ली गई है

Удивительная оптическая иллюзия: член видят только люди Непостижимый головоломка для Ребус для