आप के वरिष्ठ नेता नवीन अरोड़ा ने साक्ष्यों के साथ किया खुलासा

जिस विकल्प को यह भवन दे दिया, उस जमीन के लिए लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं रणनीतिकार नवीन अरोड़ा ने सेक्टर चार में पुराने सैनिक स्कूल के शानदार भवन को एनीजीओ विकल्प को दिए जाने को एक बड़ा खेल  बताया है। उन्होंने कहा कि इस जमीन को बचाकर उस पर गर्ल्स स्कूल व कॉलेज बनाने के लिए यहां के लोगों एवं सामाजिक संगठनों ने लंबी लड़ाई लड़ी है। कायदे से यह भवन सरकारी कॉलेज को मिलना चाहिए जो शहर के बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पांच कमरों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार इस हद तक गिर जाएगी यह किसी ने कल्पना नहीं की थी। हैरानी की बात यह है कि राज्य के शिक्षा मंत्री  स्पेशल एनजीओ को यह भवन दिए जाने का उदघाटन करने के लिए आ रहे हैं। मतलब साफ है कि पूरी दाल ही काली है।  सबसे गौर करने वाली बात यह है कि यहां के भाजपा नेता एनजीओ का भवन दिए जाने के एकदम खिलाफ है। जहां तक कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव का सवाल है उन्होंने पिछले साढ़े तीन सालों में मीडिया में आकर सुर्खियां बटोरने के अलावा कुछ नहीं किया।

नवीन अरोडा ने साक्ष्य पेश करते हुए बताया कि 2004 में समाज के कुछ जागरूक नागरिक बाबू जगजीत सिंह रिटायर डिप्टी डायरेक्टर, प्रो. रणबीर सिंह, प्रो. अनिरूद्ध यादव समेत अनेक लोगों ने आखिरी मिनट में इस जमीन जिसकी एचएसवीपी  इस जमीन की नीलामी करने जा रही थी। राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर इस नीलामी को रूकवाया था। ताकि किसानों की जमीन को अगर अधिग्रहित किया गया है तो उनके बच्चो को शिक्षा का अधिकार मिल सके। इन्ही जागरूक लोगों के प्रयासों से इस जमीन की नीलामी रद्द हो गईं। आगे चलकर हुडा की तरफ से इसे शैक्षणिक संस्थान बनाने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत इस भवन में पहले महिला कॉलेज चला। जब यह कॉलेज सेक्टर 18 में अपने नए भवन में चला गया तो कन्या सरकारी स्कूल को यह भवन मिल गया। उसके बाद सैनिक स्कूल को  वैकल्पिक व्यवस्था के तहत यह भवन दे दिया गया। अब सैनिक स्कूल भी अपने निर्धारित भवन में पहुंच गया। ऐसे में अब इस भवन पर भाड़ावास रोड के सरकारी स्कूल में चल रहे सरकारी कॉलेज को शिफ्ट करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं करके शिक्षा के नाम पर नया खेल कर दिया। जिसकी बड़े स्तर पर निष्पक्ष जांच होने से एक बड़ा खुलासा हो सकता है क्योंकि इसमें जिला प्रशासन को भी विश्वास में नहीं लिया गया।  जांच में कुछ भाजपा के नेता, मंत्री एवं सीनियर आईएएस अधिकारियों की मिली भगत सामने आ सकती है। इसलिए सरकार इसकी जांच नहीं कराएगी क्योंकि वह खुद कटघरे में है। यह मुख्यमंत्री मनोहरलाल के लिए अग्नि परीक्षा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र पर लंबे समय से राज करते आ रहे नेताओं की कथनी करनी को समझना भी बहुत जरूरी है। विधायक चिंरजीव राव गुरुग्राम से आते हैं मीडिया में बाइट देकर, प्रेस नोट जारी कर अपनी जिम्मेदारी निभाकर गायब हो जाते हैं। वे पिछले साढ़े तीन सालों में बताए कि उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर जमीनी स्तर पर कौनसा संघर्ष किया।

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