किसान बैठक से ठीक पहले रिलायंस की सफाई, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में आने का इरादा नहीं, एमएसपी जैसे मॉडल का किया समर्थन

देशभर के किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार के साथ-साथ कॉर्पोरेट सेक्टर किसानों के निशाने पर हैं। पिछले दिनों पंजाब में सैकड़ों टावरों ने किसानों ने विरोध जताते हुए क्षतिग्रस्त कर दिया। आज यानी सोमवार को सातवें दौर की बैठक केंद्र और किसानों की बैटक दोपहर में होने वाली है। इस बीच अब रिलायंस ने अपनी सफाई दी है। रिलायंस ने कहा है कि उसका कॉनट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना-देना नहीं है और उनका भविष्य में इस बिजनेस में आने का कोई इरादा नहीं है। कंपनी ने बीते दिनों पंजाब में अपने टावरों को क्षतिग्रस्त किए जाने को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर करेगी। साथ हीं कंपनी ने स्पष्ट किया है कि केंद्र की वो सभी नीतियां जिससे किसानों की आमदनी बढ़ती है। उसका कंपनी समर्थन करती है। रिलायंस ने न्यूनतम समर्थन मुल्य (एमएसपी) का समर्थन किया है।  साथ हीं कंपनी ने अपने प्रतिद्वंदियों पर आरोप लगाया है कि उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। कंपनी ने कहा है कि उसने कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए कोई जमीन नहीं ली है। साथ ही कंपनी ने अपनी याचिका में ये भी कहा है कि जियो के टावर तोड़े जाने की वजह से हजारों कर्मचारियों के जीवन पर असर पड़ रहा है, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचने के चलते कम्युनिकेशन में दिक्कतें आ रही हैं। 

प्रमुख बातें

1. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना-देना नहीं है। और भविष्य में इस व्यवसाय में प्रवेश करने की कोई योजना नहीं है।

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