आज के डिजिटल युग में देश की सुरक्षा केवल हथियारों पर ही निर्भर नहीं है, बल्कि इसमें डेटा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. कई देश डेटा को हथियार के तौर पर देखते हैं और उसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं. कुछ देश ऐसे भी है जो दूसरे देशों की दखल से बचने के लिए अपने नागरिकों को विदेशों में बने एप्स से दूर रख रहे हैं. ऐसा ही एक देश है चीन, जहां विदेशों में बने ज्यादातर मोबाइल एप्स पर बैन लगा हुआ है.
बताया जाता है कि चीन अपने नागरिकों पर कड़ी नजर रखता है और ऐसे सभी ऐप्स और वेबसाइट पर बैन लगाया हुआ है, जिसे चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के आदर्शों के विरुद्ध माना जाता है. फिर वह दुनिया की बड़ी कंपनियों के ऐप्स ही क्यों न हों, चीन में उनके इस्तेमाल पर रोक लगाया गया है. यही नहीं चीनी कंपनियों के कई ऐसे ऐप्स हैं जो दुनियाभर में इस्तेमाल किए रहे हैं लेकिन खुद चीन में ही बैन है. चीन की सरकार ने अमेरिका में बने ज्यादातर मोबाइल ऐप्स पर बैन लगा रखा है. आखिर क्या है इसकी वजह? आइए जानते हैं.
गूगल, फेसबुक, ट्विटर समेत कई बड़े ऐप्स हैं बैन
हैरानी की बात तो ये है कि चीन ने कई ऐसे बड़े ऐप्स पर प्रतिबंध लगा रखा है जिसके दुनिया भर में करोड़ों यूजर्स हैं. चीन में बैन कुछ सबसे पॉपुलर अमेरिकन मोबाइल ऐप्स में गूगल, गूगल मैप्स, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर शामिल हैं. इसके अलावा चीन ने व्हाॅट्सऐप, स्नैपचैट, वाइबर और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग ऐप्स पर भी बैन लगा रखा है. चीन ने सबसे पॉपुलर कंटेंट स्ट्रीमिंग ऐप्स जैसे अमेजन प्राइम वीडियो, नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, डेली मोशन भी बैन हैं.
वहीं बात करें दुनिया के सबसे पॉपुलर सर्च इंजन गूगल की तो यह भी चीन में पूरी तरह प्रतिबंधित है. चीन में गूगल के अन्य प्रोडक्ट्स जैसे गूगल मैप्स, जीमेल, गूगल न्यूज, गूगल ड्राइव और गूगल प्ले भी बैन है. इसके अलावा विकिपीडिया और याहू जैसे सर्च इंजन भी चीन में इस्तेमाल नहीं किए जा सकते.
बेटिंग और डेटिंग ऐप्स पर भी है बैन
चीन में पोर्न ऐप्स का भी इस्तेमाल करना पूरी तरह गैर कानूनी है. वहीं बेटिंग और डेटिंग ऐप्स पर भी प्रतिबंध है. इस वजह से यहां टिंडर और ओनलीफैंस जैसे डेटिंग ऐप्स पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है. इन एप्स इस्तेमाल करते पाए जाने पर अपराधी को भारी जुर्माने के साथ जेल तक की सजा हो सकती है.
चीन के हैं अपने गूगल और फेसबुक
वैसे तो चीन में बाहर के लगभग सभी ऐप्स पर प्रतिबंध है, लेकिन चीन अपने लोगों के लिए गूगल और फेसबुक जैसे एप्स खुद बना रहा है. चीन का मानना है कि विदेशी कंपनियां अपने ऐप्स के जरिये उसके नागरिकों का डेटा इकठ्ठा कर सकती हैं, इसलिए वह केवल अपने देश में बने एप्स को ही प्राथमिकता देता है. चीन की जनता ऑनलाइन सर्च के लिए बाइडू (Baidu) जैसे ऐप का इस्तेमाल करती है जिसका 70% चीनी मार्केट पर कब्जा है.
वहीं चीन में यूको और टुडू जैसे ऐप्स हैं जो यूट्यूब को टक्कर देते हैं. ट्विटर के जगह पर चीन में वेइबो (Weibo) ऐप का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा शॉपिंग एप्स में ताओबाओ (Taobao) और टीमॉल (TMall) काफी पॉपुलर हैं. चीन में गूगल मैप्स के जगह बाइडू मैप (Baidu Map) का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं मोमो (Momo) और टनटन (TanTan) जैसे डेटिंग ऐप भी काफी पॉपुलर हैं.
भारत ने बैन हैं ये चीनी ऐप्स
भारत सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि से पिछले कुछ सालों में सैकड़ों चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाया है. भारत में अबतक 250 से ज्यादा चाइनीज ऐप्स पर बैन लग चुका है. इनमें गेमिंग, म्यूजिक, ब्यूटी, ऐपलॉक, बेटिंग और स्पोर्ट्स समेत कई तरह के ऐप्स शामिल हैं. भारत सरकार के आईटी मंत्रालय ने आरोप लगाया था कि ये ऐप्स भारतीय नागरिकों का डेटा चुराकर थर्ड पार्टी को बेच रहे हैं. भारत में बैन होने वाले कुछ पॉपुलर चाइनीज ऐप्स में PUBG Mobile, TikTok, Shareit, WeChat, Kwai, CM Browser और Baidu map शामिल हैं.