भारत की पहली महिला शिक्षिका नारी शक्ति की मुक्तिदाता सावित्रीबाई फुले का जन्म दिवस नारनौल के मोहिनी प्रांगण पर बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम नरेश सैनी बसपा उपाध्यक्ष व मुख्य अतिथि जयप्रकाश पूर्व सैनी सभा रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में बसपा के जिला अध्यक्ष प्रमोद कटारिया व लोकसभा प्रभारी अशोक दास रहे। अतिथि ने बताया कि सावित्रीबाई फुले ने स्त्री शिक्षा व अधिकारों के लिए उल्लेखनीय कार्य किए ।उन्होंने बताया सावित्रीबाई फुले ने उस समय लड़कियों, महिलाओं के लिए स्कूलों की स्थापना की जिस समय महिलाओं को पढ़ना व बढ़ाना एक अभिशाप माना जाता था। लेकिन पति ज्योतिबा राव फुले के सानिध्य में पहले खुद अपनी पढ़ाई की और उन्हीं से प्रेरणा लेकर महिलाओं को भी पढ़ने के लिए प्रेरित किया। प्रमोद कटारिया ने बताया कहा जाता है जब वह पढ़ाने जाती थी उन पर कीचड़ फेंक दिया जाता था इसलिए वह हमेशा दो साड़ी अपने साथ रखती थी। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी उनका संघर्ष हमेशा जारी रहा परिणाम स्वरूप अनेक विद्यालयों की स्थापना की।कार्यक्रम अध्यक्ष रामनरेश सैनी ने बताया 3 जनवरी 1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियों की नौ छात्राओं के साथ उन्होंने महिलाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। एक वर्ष में सावित्रीबाई और महात्मा फुले पाँच नये विद्यालय खोलने में सफल हुए। तत्कालीन सरकार ने इन्हे सम्मानित भी किया। एक महिला प्रिंसिपल के लिये सन् 1848 में बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा, इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती। लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी। सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ीं, बल्कि दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया, वह भी पुणे जैसे शहर में।आज औरतों को उन्हें आदर्श मानना चाहिए इस मौके पर ईश्वर सैनी, सतीश सैनी ,नवनीत मेहरा ,नीरज यादव अरुण सैनी, धर्मपाल सैनी ,बालाजी, सुंदर ,लालू, चतुर सैनी ,मुंशी सैनी उपप्रधान सैनी सभा,अमित , सुनील,विक्की, योगेश, देवेंद्र ,दिनेश ,संदीप, अजय सहित अनेक गणमान्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
can priligy cure pe These follicles secrete colloid, which is composed of thyroglobulin and contains the thyroid hormones T3 and T4