डाइट में साइबर सेफ्टी और साइबर वैलनेस विषय पर वर्कशाप का आयोजन

रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हुसैनपुर में एजुकेशनल टेक्नोलॉजी विंग के तत्वाधान में संस्थान मुखिया सुभाष चंद्र के मार्ग निर्देशन में साइबर सेफ्टी और साइबर वैलनेस विषय को लेकर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया जिसमें जिले के 90 शिक्षकों ने भाग लिया l प्राचार्य ने सभी शिक्षकों को संबोधित करते हुए बताया कि आज के समय में साइबर सेफ्टी और सिक्योरिटी एक ज्वलंत विषय है जिस पर गहन मंथन करना और विद्यार्थियों को इस विषय में जागरूक करना नितांत आवश्यक है। संस्थान के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ बीर सिंह ने बताया किस संस्थान की एजुकेशनल टेक्नोलॉजी विंग लगातार विद्यालयों में जाकर विद्यार्थियों व शिक्षकों को इस विषय पर जानकारी देकर जागरूकता फैलाने का कार्य  लगातार करती रही है क्योंकि जागरूकता के अभाव में विद्यार्थियों से बहुत सारी गलतियां हो जाती हैं वे साइबर बुलिंग के शिकार हो जाते हैं तथा अपने साथ घटित घटना का वर्णन शर्म के मारे या डर के मारे किसी के सामने नहीं कर पाते हैं। संस्थान के एजुकेशनल टेक्नोलॉजी विंग के सदस्य व मनोविज्ञान प्रवक्ता दीपक कुमार ने शिक्षकों को साइबर सेफ्टी साइबर सिक्योरिटी और साइबर वैलनेस के बारे में विस्तार से बताया और उन्होंने बताया कि अपने गैजेट्स व मीडिया का उपयोग सुरक्षित तरीके से कैसे किया जाए । उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स व गेमिंग और चैटिंग का प्रयोग लगातार विद्यार्थियों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी इंटरनेट का आदि बना रहा है जिससे एक नई मानसिक बीमारी फियर आफ मिसिंग आऊट (फोमो)  लगातार पनप रही है जिससे बच्चों को बचाने का जिम्मा अभिभावकों व शिक्षकों का भी है । कैसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स ईमेल अकाउंट्स आदि को सुरक्षित रखा जा सकता है । उन्होंने साइबर बुलिंग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि ऑनलाइन किसी का पीछा करना, डराना, धमकाना , ब्लैकमेल करना,  पासवर्ड चुराना , अश्लील सामग्री भेजना आदि साइबर बुलिंग की श्रेणी में आते हैं इनसे बचने के लिए बच्चों को यह समझना होगा कि अनजान व्यक्तियों से ऑनलाइन बातचीत ना करें। उनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें। निजी जानकारी साझा ना करें, अगर कोई इस तरह की घटना घटती है तो उसे तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें और संबंधित व्यक्ति को ब्लॉक कर दें। उन्होंने आगे बताया कि बच्चों को यह भी समझाना होगा कि मोबाइल और इंटरनेट की आभासी दुनिया वास्तविक दुनिया से बहुत ज्यादा अलग है अतः सावधान रहना और सुरक्षित रहना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर संस्थान के प्राध्यापक डॉ नरेश कुमार,  डॉ नीरेन पाल सिंह, धर्मेंद्र कुमार व ब्रह्म आदि उपस्थित रहे ।

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