चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को 31 मई तक का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि यदि कोई अवैध कब्जाधारी सरकारी भूमि का कब्जा नहीं छोड़ता है तो 1 से 10 जून तक चलने वाले अभियान के दौरान उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने राज्य के सभी जिला विकास और पंचायत अधिकारियों (डीडीपीओ) को राज्य भर में सभी सरकारी पंचायत भूमि पर अवैध कब्जे को 10 जून तक खाली कराने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्रथम चरण में लगभग 9400 एकड़ सरकारी पंचायत भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है. धालीवाल ने अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट से जुड़े मामलों के अलावा सभी सरकारी पंचायत की जमीनों पर शेष अवैध कब्जे को 10 जून तक मुक्त कराया जाए. गौरतलब है कि दूसरे चरण में 469 एकड़ अन्य शासकीय पंचायत की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है.
स्थानीय पंजाब भवन में राज्य के सभी डीडीपीओ की बैठक की अध्यक्षता करते हुए धालीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से सभी विभागों को लोगों को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन प्रदान करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के उद्देश्य के अनुरूप किसी भी भूमि की बोली के दौरान किसी भी प्रभावित व्यक्ति या राजनीतिक नेता की सिफारिश को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. प्रत्येक भूमि की बोली पारदर्शी तरीके से और बिना किसी सिफारिश के आयोजित की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि शामलात भूमि की बोली लगाने के लिए न्यूनतम 15 हजार रुपये निर्धारित की जाएगी और सफल बोली लगाने वाले से नकद राशि वसूल की जाएगी. उन्होंने इस बात को गंभीरता से लिया कि राज्य में कई जोतों को छोटे-छोटे पट्टे पर दिया जा रहा है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी सभी जमीनों को जो लीज पर नहीं दी जा सकती थी, उनके उपयोग के लिये एक जुलाई से वनरोपण अभियान चलाया जायेगा. धालीवाल ने कहा कि इस कदम का मकसद मनरेगा के तहत काम करने वाले लोगों को रोजगार देना और पर्यावरण की रक्षा में मदद करना है.