हरियाणा की बहू ने किया कमाल; माउंट एवरेस्ट फतह कर लौटी…तो ससुराल में जोरदार स्वागत

कोशिश करने के वालों की कभी हार नहीं होती.. यह कहावत तो हम सब ने सुनी है और इसी कहावत को एक बार फिर सच कर दिखाया है झज्जर की बहू अस्मिता दोरजी ने. अस्मिता ने अपने दूसरे प्रयास में ही माउंट एवरेस्ट पर जीत का झंडा फहरा दिया है. माउंट एवरेस्ट फतह कर जब अस्मिता झज्जर में अपने ससुराल लौटीं तो उनका जोरदार स्वागत किया गया.

अस्मिता दोरजी ने बताया कि उनका सपना बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट को फतह करना था. साल 2022 के पहले प्रयास में 8163 मीटर ऊंचे माउंट मनासलू तक अस्मिता बिना ऑक्सीजन के चढ़ने वाली भारत की दूसरी महिला बन चुकी हैं. अस्मिता अपने पहले प्रयास में भी 8000 मीटर तक बिना ऑक्सीजन के चढ़ने में सफल हो गई थीं, लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य कारणों से अस्मिता को ऑक्सीजन की सहायता लेनी पड़ी थी.

बछेन्द्री पाल की शिष्य हैं अस्मिता
अस्मिता ने बताया कि -30 से -40 डिग्री तापमान में जीवन जीना मुश्किल होता था, लेकिन एवरेस्ट पर फतह करने की खुशी को अब शब्दों में बता पाना मुश्किल है. अस्मिता भारत में पहली बार माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली महिला पर्वतारोही बछेन्द्री पाल की शिष्या हैं. अस्मिता मूल रूप से नेपाल की हैं, लेकिन उनका पालन-पोषण भारत में हुआ और शादी झज्जर के वरुण शर्मा के साथ हुई है.

सरकार रखे पर्वतारोहियों का ख्याल
बता दें कि अस्मिता के पिता अंग दोरजी भारत की पर्वतारोही बछेन्द्री पाल के शेरपा गाइड थे और वह बिना ऑक्सीजन के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं. अस्मिता का कहना है कि पर्वतारोहण बेहद मुश्किल खेल है, इसलिए सरकार को पर्वतारोहियों को भी नौकरी और आर्थिक सहायता देनी चाहिए. उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर सही दिशा में अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करने की सलाह दी, ताकि वे परिवार के साथ-साथ देश का नाम भी ऊंचा कर सकें. News Source:Credit(News18 India,Pardeep Dhankad)

 

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