अगले दो-तीन दिन नप रेवाड़ी चुनाव की तस्वीर साफ कर देंगे, जरूर पढ़े यह लेख

भाजपा-कांग्रेस ने एक दूसरे को घेरने के लिए बनाया चक्रव्यूह, सतीश की खामोशी कर रही परेशान


रणघोष खास.  वोटर की कलम से


24 से 26 दिसंबर की रात तक नगर परिषद रेवाड़ी चुनाव की तस्वीर काफी हद तक बदल  जाएगी। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बन चुका है। जीत का अंतर या तो सम्माजनक होगा या फिर शूगर- ब्ल्ड प्रेशर चैक करने वाला। भाजपा ने अपनी रणनीति बदलते हुए पूरी तरह कांग्रेस को निशाने पर ले लिया है। भाजपा कांग्रेस विधायक चिंरजीव राव के उस बयान को अपनी ताकत बना रही है जिसमें उन्होंने कहा कि विपक्ष होने की वजह से उनकी कोई नहीं सुनता है। अधिकारी बात नहीं मानते हैं। ऐसे में भाजपा के स्टार प्रचारों ने कहना शुरू कर दिया है कि जब चार साल सरकार के पास है। विकास सरकार के सहयोग से होता है विपक्ष के पास चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं है। जनता अगर विकास चाहती है तो उसे विधानसभा 2019 वाली गलती नहीं दोहरानी चाहिए। एक साल से कांग्रेस विधायक विकास के नाम पर बस चिल्लाते हैं।  उधर कांग्रेस ने भी जोरदार पलटवार करना शुरू कर दिया है। चिंरजीव राव ने कहा कि उन्होंने तो जनता की आवाज उठाई। जबकि यहां के सत्ताधारी नेताओं ने तो उसे सुनना ही पंसद नहीं किया। वे शहर की अतिक्रमण, आवारा पशुओं से हो रही घटनाओं, गंदगी, भ्रष्टाचार समेत अनेक मुद्दों को उठाते हैं। उन्हें बुरा लगता है। छह साल से भाजपा राज कर रही है। वह बताए उसने शहर में क्या बेहतर बदलाव किया।

27 दिसंबर को मतदान है। भाजपा के पास सरकार होने की ताकत है जिसके बूते पर वह आगे की रणनीति को कांग्रेस पर फोकस करने जा रही है। घोषणा पत्रों का कोई असर वोटरों पर पड़ने वाला नहीं है। ये अब मुंगेरीलाल के हसीन सपने वाले जैसे लगते हैं। लिहाजा भाजपा मतदाताओं को यह बताने में जुट गई है कि प्रदेश में उनके  पास राज चलाने का 4 साल का समय बचा है जो विकास कराने के लिए बहुत है। अगर उनकी प्रत्याशी पूनम यादव जीतती है तो सरकार रेवाड़ी को स्मार्ट सिटी बनाने के अपने वायदे को पूरा करने में देर नहीं करेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो विपक्ष की चेयरपर्सन भी नहीं चाहेगी कि शहर का विकास हो। वह भी सरकार की आलोचनाओं एवं खामियों पर ज्यादा फोकस करेगी। इसलिए विकास चाहिए तो भाजपा को जीताना ही होगा। उधर कांग्रेस ने भी इस पर जमकर पलटवार करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम यादव के स्टार प्रचारक  पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव एवं विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि छह साल से भाजपा का राज चल रहा है। 2014-2019 तक यहां से विधायक भी भाजपा के रहे हैं। शहर के एक भी वार्ड में ऐसा कोई काम गिना दे जिस पर ये गर्व कर सके। जनता ने भाजपा से परेशान होकर 2019 के चुनाव में कांग्रेस को चुना। इस पर भी भाजपा ने सबक नहीं लिया उलटा आपस में ही झगड़ते रहे। हम लगातार एक साल से जनता की आवाज विधानसभा तक  उठाते आ रहे हैं। अब भाजपा नेता  चुनाव में बड़े बड़े दावें कर रहे हैं। भाजपा का घोषणा पत्र ही उनकी असलियत को उजागर कर रहा है। क्या नगर परिषद बस स्टैंड शिफ्ट करा सकती है। रेलवे पुल, अंडर पास बना सकती है।  हुडा के सेक्टर अपने अधीन ले सकती है। शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की भी वह बात कर रही है। जब नप ही सारा काम कर सकती है तो यहां विधायक, जिला प्रशासन, डीसी- एसपी की क्या जरूरत है। जो भाजपा छह सालों मं शहर को जाम, गंदगी और आवारा पशुओं जैसी साधारण समस्याओं से निजात नहीं दिला सकती वह अब चुनाव में शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की बात कर रही हैं। जनता भाजपा का असली चेहरा देख चुकी है। किसान आंदोलन इससे बड़ा उदाहरण है। कुल मिलाकर भाजपा- कांग्रेस के बीच छिड़ी जंग इसलिए जोर पकड़ रही है क्योंकि इसका असर आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति पर भी नजर आएगा। इसलिए यह चुनाव छोटा जरूर है लेकिन घाव गंभीर करेगा।

 कापड़ीवास- सतीश यादव की जोड़ी ने मुकाबले को बना दिया त्रिकोणीय

भाजपा- कांग्रेस की लड़ाई से दूर आजाद उम्मीदवार उपमा यादव के पति पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव पहली बार बदले हुए अंदाज में नजर आ रहे हैं। वे आक्रमक की बजाय निवेदन- आग्रह और अनुरोध के साथ लोगों से वोट मांग रहे हैं। हालांकि उनके साथ ताकत बनकर खड़े पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास के तेवरों में आक्रमकता जारी है। उनके निशाने पर पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव एवं भाजपा का एक धड़ा रहता है। सतीश के चुनाव प्रचार में शोर कम खामोशी ज्यादा है जो कांग्रेस- भाजपा को लगातार परेशान कर रही है। 

   

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